Heart Attack : छाती के दर्द को हल्के में न लें, कार्डियोलॉजिस्ट से जानिए भ्रम और सच्चाई
Chest Pain Causes : हार्ट अटैक को लेकर आज भी कुछ गलतफहमियां हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमन्त चतुर्वेदी से जानेंगे हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण और हार्ट की बीमारियों से जुड़े कुछ आम भ्रमों की सच्चाई।
Heart Attack : छाती के दर्द को हल्के में न लें, कार्डियोलॉजिस्ट से जानिए भ्रम और सच्चाई (फोटो सोर्स : Freepik)
Chest Pain Could Be Heart Attack: क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक क्यों होता है और इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं? दिल से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिन्हें लेकर अक्सर लोगों में गलतफहमियां होती हैं. आइए, समझते हैं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमन्त चतुर्वेदी से हार्ट अटैक क्या है, इसके मुख्य लक्षण क्या हैं, और हार्ट की बीमारियों से जुड़े कुछ आम भ्रमों की सच्चाई जानते हैं, ताकि आप अपने दिल का बेहतर ख्याल रख सकें. (Chest Pain Could Be Heart Attack)
जब दिल को खून पहुंचाने वाली नसों (धमनियों) में रुकावट आ जाती है, तो दिल के उस हिस्से तक ऑक्सीजन वाला शुद्ध खून नहीं पहुंच पाता. इसी हालत को हार्ट अटैक (Heart Attack) कहते हैं. अगर इस रुकावट को जल्दी ठीक न किया जाए, तो दिल का वह हिस्सा धीरे-धीरे खराब होने लगता है, जिससे दिल कमजोर होकर अपनी खून पंप करने की क्षमता खो देता है.
हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं? (Heart attack Symptoms)
हार्ट अटैक (Heart Attack) के दौरान कुछ खास लक्षण दिख सकते हैं:
– छाती में तेज ((Chest Pain) दर्द जो 15 मिनट से ज़्यादा रहे. इसमें जलन, भारीपन, जकड़न या दबाव महसूस हो सकता है. – दर्द कंधों, बाजुओं, कमर, जबड़े या गले तक भी फैल सकता है.
– सांस लेने में दिक्कत होना. – अचानक पसीने से भीग जाना. – चक्कर आना या जी घबराना. – डायबिटीज़ के मरीजों में अक्सर ये लक्षण नहीं दिखते, इसलिए उन्हें ज्यादा सावधान रहने की ज़रूरत होती है.
Heart Attack: इन लक्षणों को ना लें हल्के में
हार्ट की बीमारियों से जुड़े कुछ आम भ्रम और उनकी सच्चाई (Some common myths related to Heart Diseases and their truth)
हार्ट से जुड़ी बीमारियों को लेकर कई गलतफहमियां हैं. आइए, उनकी सच्चाई जानते हैं:
भ्रम: जिन्हें हार्ट की बीमारी है, उन्हें ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी चाहिए, काम कम कर देना चाहिए.
सत्य: हार्ट के मरीजों को सुस्त नहीं बैठना चाहिए. अगर वे शारीरिक गतिविधि नहीं करते, तो पैरों की नसों में खून के थक्के जम सकते हैं और शरीर कमजोर हो सकता है. चलना-फिरना और कसरत करने से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर के सभी अंगों, खासकर दिमाग में खून का बहाव ठीक रहता है. अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें कि आप कितनी और कौन सी कसरत कर सकते हैं. बहुत से लोगों के लिए पैदल चलना बहुत फायदेमंद होता है.
भ्रम: अगर आप कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा लेते हैं, तो कुछ भी खा सकते हैं.
सत्य: कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं लिवर में बनने वाले कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं, जिससे नसों में कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होता. लेकिन अगर आप दवा के साथ ** unhealthy saturated fat वाला खाना खाते रहेंगे, तो दवा असर नहीं करेगी** और आपका कोलेस्ट्रॉल खतरनाक स्तर तक बढ़ सकता है.
भ्रम: विटामिन लेने से हार्ट की बीमारी का खतरा कम हो जाता है.
सत्य: शरीर को ज़रूरी विटामिन आमतौर पर खाने से मिल जाते हैं. वैज्ञानिक रिसर्च बताती है कि विटामिन (जैसे एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई, सी आदि) हार्ट की बीमारी के खतरे को कम नहीं करते.
भ्रम: अगर आप लंबे समय से धूम्रपान करते हैं, तो अब इसे छोड़ने पर हार्ट की बीमारी का खतरा कम नहीं हो सकता.
सत्य: धूम्रपान छोड़ने का फायदा तुरंत शुरू हो जाता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितने समय से, कितनी मात्रा में या किस उम्र से धूम्रपान किया है. धूम्रपान छोड़ने के 1 साल बाद हार्ट की बीमारी का खतरा 50% कम हो जाता है, और 10 साल बाद यह एक सामान्य व्यक्ति के बराबर हो जाता है.
भ्रम: अगर आपको हार्ट की बीमारी है, तो अपने खाने में वसा (फैट) बिल्कुल कम कर देनी चाहिए.
सत्य: यह सही है कि हार्ट के मरीजों को खाने में खराब वसा (सैचुरेटेड और ट्रांस फैट) कम लेनी चाहिए, लेकिन कुछ वनस्पति तेल (जैसे असंतृप्त वसा और ओमेगा-3 फैट वाले) हार्ट के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं. इन्हें लेना आपके लिए अच्छा है.
भ्रम: एंजियोप्लास्टी, स्टेंटिंग या बाईपास सर्जरी के बाद हार्ट की बीमारी का कोई खतरा नहीं रहता.
सत्य: एंजियोप्लास्टी, स्टेंटिंग और बाईपास सर्जरी दिल के दर्द को खत्म कर सकती हैं और आपकी जिंदगी को बेहतर बना सकती हैं. लेकिन ये एथेरोस्क्लेरोसिस (नसों में कोलेस्ट्रॉल जमा होना) को नहीं रोक सकतीं, जो हार्ट की बीमारी का मुख्य कारण है. इसलिए, ऑपरेशन के बाद भी आपको अपने वजन, ब्लड प्रेशर, धूम्रपान और खानपान पर कंट्रोल रखना चाहिए. समय पर डॉक्टर से सलाह लें और दिल से जुड़ी जांचें करवाकर सही दवाएं लेते रहें.
भ्रम: मैं तो अभी जवान हूं, मुझे हार्ट की बीमारी का क्या खतरा हो सकता है?
सत्य: आपकी आज की जीवनशैली आपके दिल के भविष्य को तय करती है. नसों में कोलेस्ट्रॉल का जमाव किशोरावस्था से ही शुरू हो सकता है. मोटापा और डायबिटीज़ इसे कई गुना बढ़ा देते हैं, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो. इसलिए, अच्छा खानपान और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हार्ट की बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है.
भ्रम: छाती के मामूली (Chest Pain) दर्द को इतना महत्व नहीं देना चाहिए.
सत्य: मामूली हार्ट अटैक, जिसे एंजाइना भी कहते हैं, उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. यह भविष्य के किसी बड़े खतरे की घंटी हो सकता है. इसलिए, अपने वजन, ब्लड प्रेशर और धूम्रपान पर नियंत्रण रखें. समय पर अपने डॉक्टर से सलाह लें और दिल से जुड़ी जांचें करवाएं.
यह जानकारी डॉ. हेमन्त चतुर्वेदी (फैलो अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी, हृदय रोग विशेषज्ञ, इटर्नल हार्ट केयर हॉस्पिटल, जयपुर) द्वारा दी गई है.
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