अस्थमा से राहत के लिए घरेलू उपाय : Home Remedies Relieving Asthma
खानपान में बदलाव अस्थमा के मरीज कुछ पोषक तत्वों को अपने आहार में शामिल करने से सकारात्मक परिवर्तन हो सकते हैं। अधिक वजन अस्थमा के लक्षणों को बढ़ाने और उन्हें उत्तेजित करने में सहायक होता है। अपने आहार में अधिक फल और सब्जियों को शामिल करना फायदेमंद है। वायुमार्ग के आस-पास की सूजन को कम करने के लिए, विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। शहद सर्दी के मौसम में शहद का उपयोग सर्दी-जुकाम के उपचार के लिए किया जा सकता है। यह गले की खराश को कम करने और खांसी को नियंत्रित करने में सहायक होता है। खांसी अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकती है, इसलिए सर्दी के दौरान सतर्क रहना आवश्यक है। गर्म चाय में शहद मिलाकर पीना या सुबह में एक चम्मच शहद के साथ 2-3 तुलसी के पत्ते लेना फायदेमंद हो सकता है।
कैफीन कैफीन और थियोफिलाइन में कई समानताएँ हैं। थियोफिलाइन एक ब्रोन्कोडायलेटर है, जिसका उपयोग अस्थमा के मरीजों के फेफड़ों में वायुमार्ग को खोलने के लिए किया जाता है। इसकी दवा के समानता के कारण, कैफीन एक प्रभावी घरेलू उपाय हो सकता है, जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है।
स्टीम स्टीम बाथ का उपयोग अक्सर नाक और छाती की जकड़न को कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि भाप उपचार अस्थमा का इलाज नहीं करता, यह आपकी स्थिति में सुधार लाने में मदद कर सकता है। स्टीम बाथ आपके वायुमार्ग को नमी प्रदान करता है, जिससे जकड़न से राहत मिलती है, संचित बलगम को निकालने में सहायता मिलती है।
योग योग के अनेक लाभ हैं। यदि आप अपने अस्थमा के लक्षणों से राहत पाना चाहते हैं, तो प्रतिदिन योग करना आवश्यक है। योग में श्वसन व्यायाम शामिल होते हैं, जो आपके लचीलेपन को बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं। कुछ योग आसन, जैसे बाउंड एंगल पोज, बो पोज, ब्रिज पोज, कैमल पोज, कैट पोज, कोबरा पोज, काउ पोज और कैट पोज, आपके गले और छाती को खोलने में मदद कर सकते हैं।
अदरक एक शोध में यह सामने आया है कि अदरक का सेवन अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकता है। अदरक में लहसुन के समान एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में अदरक का सेवन करने से आपको राहत मिल सकती है। सर्दियों में अपनी चाय में अदरक डालें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।