क्या आपको रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या है?
आमतौर पर हम दिन में 6-8 बार पेशाब करते हैं, लेकिन यदि रात में बार-बार पेशाब आना एक सामान्य बात बन जाए तो यह किडनी से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है। हालांकि, यह अकेला लक्षण नहीं है, और भी कई लक्षण हो सकते हैं जो किडनी के खराब होने का संकेत दे सकते हैं। किडनी की खराबी के 6 लक्षण : Kidney Problem Signs
पेशाब में बदलाव: अगर आपका पेशाब (Kidney Problem Signs) गहरे रंग का है, उसमें खून या झाग हो, तो यह किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है। साथ ही, पेशाब करने में परेशानी होना या दर्द होना भी एक चेतावनी है।
स्वेलिंग (फुलाव): अगर आपके पैरों, हाथों या चेहरे पर सूजन आ रही हो, तो यह किडनी के कार्य में कमी का परिणाम हो सकता है। किडनी की खराबी से शरीर में पानी का जमाव हो सकता है।
कमजोरी और थकावट: किडनी के खराब कामकाज के कारण शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जिससे थकावट, कमजोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होती है। जी मिचलाना और उल्टी: जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में हानिकारक पदार्थों का इकट्ठा होना शुरू हो जाता है। इससे उल्टी और जी मिचलाने (Kidney Problem Signs) जैसी समस्या हो सकती है।
बॉडी में खुजली या रैशेज: किडनी की खराबी से शरीर में खून में बढ़े हुए अवशेष, जैसे कि यूरिया, जमा होने लगते हैं। इससे त्वचा पर खुजली या रैशेज हो सकते हैं। कम रक्तचाप और सांस लेने में समस्या: किडनी के खराब कार्य से रक्तचाप में गिरावट आ सकती है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है और दिल की धड़कन भी तेज हो सकती है।
किडनी की खराबी से बचाव के उपाय
- शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए पर्याप्त पानी का सेवन करना जरूरी है।
- फल, सब्जियां और प्रोटीन से भरपूर आहार लें। जंक फूड और नमक का सेवन कम करें।
- यह किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- मानसिक तनाव भी किडनी पर असर डाल सकता है, इसलिए योग और ध्यान करें।
- समय-समय पर किडनी की जांच कराएं ताकि किसी भी समस्या का जल्दी पता चल सके।
किडनी की खराबी के लक्षणों को पहचानकर और सही समय पर इलाज लेकर आप अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।