मिर्गी का रोग क्या है
मिर्गी एक दिमागी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ते हैं। ये दौरे दिमाग में अचानक से होने वाली बिजली की तेज़ हलचल की वजह से आते हैं। इसे ऐसे समझें, जैसे आपके शरीर के कंट्रोल रूम (आपका दिमाग) में अचानक से बिजली का तेज़ झटका (पावर सर्ज) लग गया हो। यह झटका दिमाग के किस हिस्से में लगता है, उसी हिसाब से दौरे अलग-अलग तरह के हो सकते हैं। कुछ लोग कुछ सेकंड के लिए एकदम ब्लैंक हो सकते हैं, जबकि कुछ लोगों को पूरे शरीर में झटके (ऐंठन) महसूस होते है।
किस कारण से पड़ते है मिर्गी के दौरे
मिर्गी के दौरे कई कारणों से पड़ सकते है। इसमें दिमाग की चोट या नुकसान एक महत्वपूर्ण कारण है। दिमाग में खून का बहाव रुकने या नस फटने से भी मिर्गी हो सकती है। साथ ही दिमाग में गांठ या ट्यूमर होने पर भी दिमाग की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। दिमाग में संक्रमण होने पर भी व्यक्ति को मिर्गी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह जन्म के दौरान बच्चे के दिमाग को ऑक्सीजन न मिल पाना या कोई जन्मजात दिमागी असामान्यता भी मिर्गी का कारण बन सकती है। दिमागी कारणों के अलावा आनुवंशिक कारण, दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर ( दिमाग की नसों के बीच संदेश भेजने का काम करने वाला रसायन ) का असंतुलन और अन्य कुछ बीमारियों के चलते भी मिर्गी हो सकती है।
डिप्रेशन से मिर्गी का क्या संबंध
दरअसल मिर्गी का रोग केवल दौरों के बारे में नहीं है यह व्यक्ति की भावनाओं को भी प्रभावित करता है और यहीं से डिप्रेशन की शुरुआत होती है। मिर्गी के साथ जीने वाला व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक रूप से थका हुआ महसूस करता है। वह लगातार यह सोचता रहता है कि उसे अगला दौरा कब पड़ेगा और इस बात की चिंता उसके मन को अशांत रखती है। बढ़ते समय के साथ यह चिंता डिप्रेशन का रूप ले लेती है।