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हुबली

कैंसर का शुरुआत में पता लगने से बीमारी से निजात संभव, निशुल्क शिविर 4 को

कैंसर का जल्दी पता चलने से उपचार की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर का इलाज देर से होने पर उपचार से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं और देखभाल की लागत भी ज्यादा होती है। कैंसर का शुरुआती पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट कराए जाते हैं स्क्रीनिंग टेस्ट में बिना किसी लक्षण के कैंसर के लिए टेस्ट या स्कैन कराया जाता है।

हुबलीFeb 01, 2025 / 01:04 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

हुब्बल्ली में निशुल्क शिविर के बारे में जानकारी देते भारतीय जैन संगठना हुब्बल्ली के अध्यक्ष विक्रम मांडौत।

हुब्बल्ली में निशुल्क शिविर के बारे में जानकारी देते भारतीय जैन संगठना हुब्बल्ली के अध्यक्ष विक्रम मांडौत।

कैंसर का शुरुआत में पता लगाने से बीमारी से निजात संभव है। कैंसर का जल्दी पता चलने से उपचार की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर का इलाज देर से होने पर उपचार से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं और देखभाल की लागत भी ज्यादा होती है। कैंसर का शुरुआती पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट कराए जाते हैं स्क्रीनिंग टेस्ट में बिना किसी लक्षण के कैंसर के लिए टेस्ट या स्कैन कराया जाता है। भारतीय जैन संगठना एवं केएलई हुब्बल्ली को-ऑपरेटिव अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में 4 फरवरी को निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर एवं कैंसर जागरुकता शिविर का आयोजन किया जाएगा। केएलई हुब्बल्ली को-ऑपरेटिव अस्पताल में आयोजित शिविर में विभिन्न बीमारियों की जांच निशुल्क की जाएगी।
कैंसर का शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण
भारतीय जैन संगठना हुब्बल्ली के अध्यक्ष विक्रम मांडौत ने बताया कि कैंसर के अच्छे उपचार के लिए कैंसर का शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है। इस जानलेवा बीमारी की पहचान और निदान में कोई भी देरी घातक साबित हो सकती है। स्वास्थ्य हर व्यक्ति की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। नियमित स्वास्थ्य जांच शरीर में किसी भी असामान्यता पर ध्यान देने के लिए आवश्यक है जिससे कैंसर का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है। ऐसे में लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने को लेकर यह शिविर आयोजित किया जा रहा है। शिविर में विभिन्न बीमारियों की जांच निशुल्क की जाएगी।
देरी से जांच हो सकती हैं घातक
चिकित्सकों ने बताया कि कैंसर विश्व में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। यह तब होता है जब शरीर के अंदर सेल्स अनियंत्रित रूप से विभाजित हो जाते हैं और एक ट्यूमर का निर्माण करते हैं। ये ट्यूमर आसपास के टिशू में फैल सकते हैं और गंभीर नुकसान और यहां तक कि मौत का कारण बन सकते हैं। कैंसरग्रस्त सेल्स कई बार डिवाइड होते हैं और उनका जीवनकाल असामान्य होता है। ये सेल्स इम्यून सिस्टम से छिप जाते हैं और इसलिए इन्हें नष्ट करना मुश्किल होता है। यदि परिवार के किसी सदस्य को कैंसर है, तो कैंसर के अगली पीढ़ी तक पहुंचने की अत्यधिक संभावना है। इसलिए निवारक उपाय जरूरी हैं। उचित नींद का अभाव, धूम्रपान और शराब पीना जैसी गतिविधियां कैंसर के खतरे को बढ़ाने में योगदान दे सकती हैं। धूम्रपान, रसायन, उर्वरक और अन्य हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने से भी कैंसर या अन्य आनुवंशिक विकार हो सकते हैं।
कैंसर एक जानलेवा बीमारी
चिकित्सकों के अनुसार, कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। यदि किसी को भी बिना किसी कारण के असामान्यताओं जैसे त्वचा का फटना, शरीर के किसी अंग में दर्द, थकान आदि का अनुभव होता है, तो उन्हें फौरन डॉक्टर से परामर्श की जरुरत है। उन्हें तुरंत पर्याप्त चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। कैंसर रोगी के सफलतापूर्वक ठीक होने के लिए कैंसर का शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है। जब कैंसर की पहचान देर से होती है तो अक्सर ट्यूमर इतना बड़ा हो जाता है कि उसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है, जिससे व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। भारतीय जैन संगठना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गौतम बाफना, बीजेएस हुब्बल्ली के उपाध्यक्ष महावीर कोठारी, सचिव संदीप बाफना, कोषाध्यक्ष भरत पटवारी, केएलई अस्पताल के डॉ. अरूण कुमार, डॉ. एम.जी.हीरेमठ समेत अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य शिविर की तैयारियों में लगेे हुए हैं।

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