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हुबली

श्रीयादे माता के विचारों को जीवन में आत्मसात करने का लिया संकल्प, जागरण में दी भजन कलाकारों ने बेहतरीन प्रस्तुति

इस अवसर पर श्री प्रजापत समाज सेवा संघ हुब्बल्ली-धारवाड़ के तत्वावधान में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें प्रजापत समाज के साथ ही प्रवासी शामिल हुए। श्रीयादे माता जयंती महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हुब्बल्ली के रायगर गेस्ट हाउस में आयोजित जयंती महोत्सव की शुरुआत श्रीयादे माता की तस्वीर के समक्ष पूजा-अर्चना के साथ की गई।

हुबलीFeb 01, 2025 / 03:43 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

श्रीयादे माता जयंती महोत्सव।

श्रीयादे माता जयंती महोत्सव।

प्रजापत समाज की आराध्या एवं कुलदेवी श्रीयादे माता के जीवन से सीख लेते हुए आगे बढऩे का आह्वान करते हुए उनके विचारों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर श्री प्रजापत समाज सेवा संघ हुब्बल्ली-धारवाड़ के तत्वावधान में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें प्रजापत समाज के साथ ही प्रवासी शामिल हुए। श्रीयादे माता जयंती महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हुब्बल्ली के रायगर गेस्ट हाउस में आयोजित जयंती महोत्सव की शुरुआत श्रीयादे माता की तस्वीर के समक्ष पूजा-अर्चना के साथ की गई।
कई जगह बनें हैं श्रीयादे माता के मंदिर
श्रीयादे माता का जन्म सतयुग के पहले चरण में इंद्रावृत्त में हुआ था। माना जाता है कि श्रीयादे माता ने भक्ति के बल से आग में जलते मटकों से बिल्ली के बच्चों को जीवित बाहर निकाला था। श्रीयादे माता का विवाह गढ़ मुल्तान के सावंत से हुआ था। श्रीयादे माता के गुरु उडऩ ऋषि थे। प्रहलाद ने श्रीयादे माता को अपना गुरु बनाया था और उनसे नारायण महामंत्र का उपदेश लिया था। राजस्थान में कई जगह श्रीयादे माता के मंदिर बने हुए हैं।
गूंजे श्रीयादे माता के जयकारे
महोत्सव के तहत आयोजित जागरण में भजन कलाकार रमेश भाई एवं अन्य भजन कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भजन पेश किए। श्रीयादे माता समेत अन्य देवी-देवताओं के भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। श्रीयादे माता के भक्तों ने भी जागरण में सुर में सुर मिलाते हुए भजनों में साथ दिया। इस दौरान श्रीयादे माता के जयकारों की गूंज भी सुनाई देती रही।
समाज की एकता व अखंडता के लिए मनाई जयंती
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय को श्रीयादे माता जयंती मनाई जाती है। इस बार भी हर्षोल्लास के साथ जयंती मनाई गई। इस मौके पर श्रीयादे माता के कार्यों को याद किया गया। समाज की एकता व अखंडता के लिए समाज के सभी लोगों ने मिल-जुलकर जयंती मनाई। हुब्बल्ली-धारवाड़ में प्रजापत समाज के करीब 150 परिवार है। सभी परिवार सहित जयंती में शामिल हुए।
कर्नाटक के विभिन्न शहरों से शामिल हुए समाज के लोग
श्री प्रजापत समाज सेवा संघ हुब्बल्ली-धारवाड़ के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत थलवाड़ ने बताया कि प्रजापत समाज पिछले करीब एक दशक से हुब्बल्ली में श्रीयादे माता जयंती समारोह मना रहा है। महोत्सव के अवसर पर समारोह में आए विभिन्न प्रवासी समाज एवं संगठनों के प्रमुख लोगों का शॉल पहनाकर एवं माल्यार्पण से सम्मान किया गया। समारोह में हुब्बल्ली के विभिन्न इलाकों के साथ ही कर्नाटक के अन्य शहरों से भी प्रजापत समाज के लोग शामिल हुए।

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