इस मौके पर तेरापंथ महिला मंडल की सदस्यों ने पक्षियों के लिए दाना-पानी देने का संकल्प दोहराया। मंडल की सदस्यों ने कहा कि वे अपने घर की छत पर तथा अन्य स्थानों पर इस तरह के परिंडें जरूर लगाएंगी। साथ ही उसमें दाने-पानी की व्यवस्था भी करेंगी। अन्य लोगों को ऐसे कार्य के लिए प्रेरित करने में भी सहभागी बनेंगी। अक्सर गर्मियों के सीजन में कई बार पक्षी भूख-प्यास से व्याकुल होकर उड़ते हुए गिर जाते हैं और उनकी मृत्यु तक हो जाती है। इस स्थिति से निपटने के लिए प्रत्येक व्यक्ति आगे आएं और अपने घर-कार्यालय पर परिंडे लगाकर उनमें दाना-पानी की व्यवस्था करें। दुनिया का हर धर्म हमें इंसानियत सिखाता है कि हम प्रत्येक प्राणी के दुख-दर्द के बारे में सोचें।
इस गर्मी में बेजुबान पक्षियों के लिए परिंडे लगाना बहुत बड़ा पुण्य का काम है। ताकि गर्मी बढऩे पर पक्षियों को पर्याप्त मात्रा में अन्न और जल उपलब्ध हो सके। हम विभिन्न जगहों पर पीपल, बरगद, नीम के पेड़ो पर भी परिंडे लगा सकते हैं। इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल की उपाध्यक्ष संतोष सालेचा बालोतरा, उपाध्यक्ष शोभा संकलेचा असाड़ा, सह मंत्री सारिका संकलेचा असाड़ा, कार्यकारिणी सदस्य ममता भंसाली असाड़ा, सरिता बोहरा देवगढ़ व ललिता भंसाली तथा परमेश्वरी बाई भंसाली उपस्थित थीं। प्रारम्भ में राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने राजस्थान पत्रिका के पक्षी मित्र अभियान के बारे में जानकारी दी।
राजस्थान पत्रिका हर साल पत्रिका पक्षी मित्र अभियान चलाता है। इस अभियान के तहत घर, काम्प्लेक्स, मंदिर, कार्यालय, पार्क, गौशाला, सड़क और पेड़ों पर परिंडे बांधे जाते हैं। जिसमें पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था की जाती है। राजस्थान पत्रिका के इस अभियान से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग एवं सामाजिक संगठन जुड़ते हैं और पक्षियों के लिए परिंडे बांधते हैं। किसी भी रूप में राजस्थान पत्रिका पक्षी मित्र अभियान से जुडऩे के लिए व्हाटसऐप नंबर- 9940318115 पर संदेश भेज सकते हैं। पत्रिका के इस अभियान से आप भी जुड़ सकते हैं। सामाजिक और धार्मिक संगठन, संस्थाएं, एनजीओ, व्यापार मंडल, स्कूल और कॉलेज आदि इस मुहिम का हिस्सा बन सकते हैं।