चातुर्मास प्रारम्भ 10 जुलाई को होगा। चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन सुबह 9 बजे से प्रवचन, दोपहर 2 बजे वाचना, सूर्यास्त से प्रतिक्रमण समेत धार्मिक कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। हर रविवार को दोपहर 2 बजे प्रवचन होगा। चातुर्मास के दौरान 5 अक्टूबर को पुष्कर जयंती मनाई जाएगी। इस दिन गुरु गुणोत्सव होगा। नरेश जयंती 3 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भिक्षुदया का आयोजन किया जाएगा। चातुर्मास के दौरान 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा, 10 अगस्त को रूप रजत जन्म जयंती, 26 अक्टूबर को ज्ञान पंचमी, 3 नवम्बर को चौथमल जन्म जयंती, 5 नवंबर को वीर लोकाशाह जन्म जयंती समेत अन्य जयंतियां मनाई जाएंगी।
पर्युषण पर्व 20 अगस्त से शुरू होंगे वहीं 27 अगस्त को संवत्सरि महापर्व मनाया जाएगा। सामूहिक क्षमापना 28 अगस्त को होगी। नवपद आराधना 29 सितम्बर से प्रारम्भ होगी और 7 अक्टूबर को संपन्न होगी। महाप्रभु महावीर निर्वाणोत्सव 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। त्रिदिवसीय कृतज्ञता अर्पण दिवस 3 से 5 नवंबर को होगा। चातुर्मास परिवर्तन 6 नवंबर से होगा।
चातुर्मास के दौरान ज्ञान शिविर, कपल शिविर, महिला शिविर, युवा अधिवेशन, योग-ध्यान शिविर एवं बच्चों के लिए पंच दिवसीय संस्कार शिविर होगा। गुरु पुष्कर जन्म जयंती पंच दिवसीय कार्यक्रमों के रूप में मनाई जाएगी। चातुर्मास में प्रतिक्रमण, सामायिक सूत्र, पच्चीस बोल, सड़सठ बोल, उत्तराध्ययन सूत्र, नंदी सूत्र, दशवैकालिक सूत्र, भक्तामर, कल्याण मंदिर कंठस्थ करने वालों के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार प्रस्तावित किया गया है।