चयनित अभ्यर्थी अंगद पिता नाथीलाल, निवासी लदुआपुरा, तहसील बह (जिला आगरा उप्र) को आइजी एचक्यू बीएसएफ, नई दिल्ली द्वारा 23 दिसंबर को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। वह 20 जनवरी को इंदौर स्थित एसटीसी बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में रिपोर्टिंग के लिए पहुंचा। दस्तावेज और बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान उसके अंगूठे की छाप डेटा बेस से मेल नहीं खाई, जिससे संदेह गहराया।
फर्जीवाड़ा कबूला
टीआइ तरुण भाटी ने बताया, डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन बोर्ड अध्यक्ष पवन कुमार ने जब अंगद से पूछताछ की, तो उसने स्वीकारा कि उसकी जगह मित्र पवन पिता सत्यमान सिंह निवासी लदुआपुरा (उप्र ) ने लिखित परीक्षा दी थी।
आशंका… हो सकता बड़ा नेटवर्क
बीएसएफ अधिकारियों ने प्राथमिक जांच के बाद अंगद का कबूलनामा, नियुक्ति पत्र, दस्तावेज सत्यापन रिपोर्ट और एक मोबाइल फोन पुलिस को सौंपा। अधिकारियों ने पूरे मामले को संभावित संगठित भर्ती रैकेट का हिस्सा बताया और विस्तृत जांच की जरूरत जताई है।
पुलिस जांच में जुटी
एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने बताया कि, एसटीसी बीएसएफ इंदौर ने पूरे मामले की रिपोर्ट एरोड्रम थाना भेजी। मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी अंगद और पवन को हिरासत में लेने और भर्ती घोटाले के पीछे छिपे बड़े नेटवर्क की जांच करने की तैयारी शुरू कर दी है।