जिला प्रशासन की जनसुनवाई में बड़े पैमाने पर कॉलोनाइजरों से पीड़ित शिकायत लेकर आते हैं। कई बार तो पूरी कॉलोनी के सदस्य भी प्रदर्शन करने में पीछे नहीं हटते। इनकी पीड़ा रहती है कि कॉलोनाइजर ने उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराईं। पिछले दिनों प्रशासन ने आधा दर्जन कॉलोनियों के बंधक प्लॉटों को राजसात कर लिया।
विकास अनुमतियों की जांच का काम अब भी अधूरा
इसी कड़ी में कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर कॉलोनी सेल प्रभारी व अपर कलेक्टर गौरव बैनल ने वर्ष 2018 से पहले की विकास अनुमतियों की जांच कराई, जिसका काम अभी भी पूरा नहीं हुआ। कायदे से तीन साल में काम होना था। इस पर बैनल ने 17 कॉलोनाइजरों को नोटिस दिए हैं, जिसमें 8 से लेकर 16 साल पहले विकास अनुमति लेने वाले भी हैं। सात दिन का समय देकर जवाब मांगा है। नहीं देने पर बंधक प्लॉट राजसात करने की तैयारी है।
वर्ष 2019 से 2022 की तैयार हो रही सूची
पहली सूची वर्ष 2018 के पहले की है तो दूसरी 2019 से 2022 की तैयार की जा रही है। इस बीच कोरोना काल भी आ गया था, जिसका बहाना बनाकर कई कॉलोनाइजर बचने का प्रयास करते हैं। हकीकत ये है कि कोरोना काल के बाद रियल एस्टेट कारोबार में जबरदस्त तेजी आई थी। कई कॉलोनाइजरों ने नए प्रोजेक्ट भी शुरू किए थे।