आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की हर सेक्टर में डिमांड बढ़ रही है। खूब जॉब हैं, लेकिन प्रशिक्षित युवा नहीं मिल रहे। एआइ ट्रेनिंग महंगी है, इसलिए हर वर्ग के स्टूडेंट्स की पहुंच से दूर है। इसी कारण केंद्र सरकार एक्सीलेंस सेंटर खोल रही है।
यह भी पढ़ें: अब ट्रेन से सफर करेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया, 7 फरवरी से शुरु होगा चार दिनी दौरा केंद्रीय बजट में तीन एआइ एक्सीलेंस सेंटर का प्रावधान किया गया है। चूंकि इंदौर में आइटी कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में एआइ एक्सीलेंस सेंटर के लिए इंदौर का दावा सबसे मजबूत है। विशेषज्ञ भी इस बात की तस्दीक करते हैं। एआइ एक्सीलेंस सेंटर के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया है।
यह भी पढ़ें: तीन राज्यों को जोड़ेगा 15 हजार करोड़ का यह एक्सप्रेस वे, पहाड़ चीरकर बना रहे चौड़ी सड़क प्लानिंग बनाने से लेकर काम करने तक में एआइ तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो गया है। एजुकेशन सिस्टम में एआइ आधारित कोर्स की कमी, खासकर एआइ के मास्टर ट्रेनर की कमी प्रशिक्षण की बाधा बन रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एआइ की डिमांड है, लेकिन युवाओं को इसकी ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही है।
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एआइ के सॉफ्टवेयर महंगे हैं, निजी सेक्टर खासकर साफ्टवेयर कंपनियों में एआइ विशेषज्ञों की मांग है, लेकिन पाठ्यक्रम की कमी और ज्यादा युवाओं के ट्रेंड नहीं होने से जॉब वेकेंसी पूरी नहीं हो पा रही है। चूंकि एआइ ट्रेनर काफी महंगे हैं, इसलिए इनका कोर्स भी महंगा होता है, जो हर वर्ग के स्टूडेंट्स की पहुंच में नहीं है।
एक्सपर्ट व्यू: निजी कंपनियों के सहयोग से सेंटर बनेंगे
इंदौर सॉफ्टवेयर एसोसिएशन के सीएमओ शावेज शेख बताते हैं कि एआइ समय की मांग है और ज्यादा से ज्यादा ट्रेनिंग की जरूरत है। बजट में इसका प्रावधान किया है, जिससे युवाओं को फायदा होगा। योजना शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों को साथ लेकर पाठ्यक्रम शुरू करने की है, जो एक्सीलेंस सेंटर के जरिए पूरा हो पाएगा। शीर्ष शिक्षण संस्थान व निजी कंपनियों के सहयोग से सेंटर बनेंगे जो एजुकेशन सिस्टम को बढ़ावा देंगे। इसके लिए इंदौर को प्रबल दावेदार के तौर पर माना जा रहा है।
एक्सीलेंस सेंटर खुलने से फायदे बढ़ेंगे
● 500 करोड़ का प्रावधान किया है एआइ एक्सीलेंस सेंटर के लिए
● एआइ ट्रेनिंग महंगी, इसलिए किया एक्सीलेंस सेंटर का प्रावधान
● विशेषज्ञ की कंपनियों को तलाश, एजुकेशन सिस्टम को मिलेगा बढ़ावा