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इंदौर

नायब तहसीलदार ने नामांतरण को मांगी 50 लाख की रिश्वत, कलेक्टर की बड़ी कार्रवाई

Nayab Tehsildar Bribe Case Indoreमध्य प्रदेश के इंदौर का मामला, पटवारी ने फोन लगाकर रेसीडेंसी में बुलाया, बोला- मिलना चाहते हैं साहब, कलेक्टर तक पहुंची बात, पटवारी सस्पेंड, तहसीलदार पर बैठाई जांच

इंदौरMay 06, 2025 / 07:58 am

Sanjana Kumar

NAyab Tehsildar Bribe Case Suspended

NAyab Tehsildar Bribe Case Indore Suspended, Investigation started

Nayab Tehsildar Bribe Case Indore: जमीन के नामांतरण को लेकर इंदौर में अब तक की सबसे बड़ी रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। पिता की जमीन के फौती नामांतरण पर बेटे से 50 लाख रुपए मांगे गए। पटवारी ने रेसीडेंसी कोठी पर मिलने बुलाकर डिमांड की। यह सुनने के बाद आवेदक की जमीन खिसक गई। बाद में वकील ने कलेक्टर को फोन लगाकर सबूत सहित घटनाक्रम की जानकारी दी। इस पर पटवारी को तुरंत सस्पेंड कर तहसीलदार के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई।

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जमीन की कीमते आसमान पर, भ्रष्टाचार लगातार

इंदौर में जमीन की कीमत आसमान छू रही है। उससे जुड़े कामों में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बगैर लेन-देन के नामांतरण, बटांकन और सीमांकन नहीं होते। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया, जिसमें नायब तहसीलदार नागेंद्र त्रिपाठी पर 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगा।
वैभव पिता अशोक ने मल्हारगंज तहसील के जाख्या की 31 हजार वर्ग फीट जमीन के फौती नामांतरण का आवेदन वकील राहुल दवे के माध्यम से लगाया था। इस पर पहले पटवारी ओम त्रिपुरेश मिश्रा ने वकील दवे से संपर्क कर 50 लाख रुपए साहब के देने के साथ दो दिन में नामांतरण का दावा किया था, जिस पर उन्होंने इनकार कर दिया।
बाद में सीधे वैभव को फोन लगाकर रेसीडेंसी पर बुलाया गया और 50 लाख की मांग की गई। यह सुनकर उसने कहा कि इतने मैं तो दूसरी जमीन आ जाएगी। ये जमीन पिता की है, जिसका नामांतरण करना है। इसमें गलत क्या है? जब गलत नहीं करा रहा हूं तो रिश्वत किस बात की।

कलेक्टर को लगाया फोन


वैभव ने रेसीडेंसी से निकलते ही वकील दवे को घटनाक्रम बताया। उन्होंने कलेक्टर आशीष सिंह से बात कर घटनाक्रम की जानकारी दी। इस पर कलेक्टर का कहना था कि नामांतरण भी होगा और दोषियों पर कार्रवाई भी। उन्होंने तुरंत पटवारी को सस्पेंड कर दिया और नायब तहसीलदार त्रिपाठी की विभागीय जांच बैठाकर एसडीएम निधि वर्मा को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

पटवारी का हो चुका तबादला


मजेदार बात ये है कि नामांतरण आवेदन आने पर पटवारी मिश्रा सक्रिय हो गया। उसका कहना था कि मैं तो आवेदक को जानता हूं। मैं काम कर दूंगा और ‘व्यवहार’ निभाते हुए रिपोर्ट बनाकर दे दी। कहना था कि आगे का काम तहसीलदार से समझ लेना। तहसीलदार त्रिपाठी ने शान पटेल नाम का एक एवजी बैठा रखा है, जिसने 50 लाख मांगे और दो दिन बाद छुट्टी पर जाने की बात कही। इधर, दवे ने साफ इनकार कर दिया।

संवाद केंद्र पर थोकबंद शिकायत


नामांतरण व सीमांकन के आवेदकों से बात करने के लिए कलेक्टर ने संवाद केंद्र शुरू किया है। इस पर ऑपरेटर सीधे आवेदक से बात करते हैं और पूछते हैं कि काम करने के एवज में आपसे रिश्वत तो नहीं मांगी जा रही? चौंकाने वाली बात ये है कि कई पटवारियों के खिलाफ शिकायतें आ चुकी हैं।

शिकायत आई है


नामांतरण को लेकर एक शिकायत आई, जिसमें रिकॉर्डिंग भी पेश की गई। उसके आधार पर पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की व नायब तहसीलदार के खिलाफ जांच की जा रही है। एसडीएम की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
-आशीष सिंह, कलेक्टर

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