यह ओवरब्रिज हाईवे पेट्रोल पंप से होते हुए सोनासांवरी रेलवे गेट के ऊपर होते हुए एक हिस्सा सोनासांवरी गांव की तरफ और दूसरा हिस्सा न्यास कॉलोनी बॉयपास रोड पर उतारने की योजना है। इससे 18 गांवों को फायदा होगा।
एप्रोच रोड का निर्माण पीडब्ल्यूडी करेगी
प्रथम चरण में रेलवे यहां 72 मीटर बो-स्ट्रिंग गार्डर ब्रिज का निर्माण करा रही है। जिसका एक स्पॉन लगभग बनकर तैयार है। रेलवे ट्रैक के दूसरी तरफ भी इसी तरह का बो-स्ट्रिंग गार्डर ब्रिज का दूसरा हिस्सा बनाया जाएगा। जिसके बाद यह धनुष के आकार का दिखाई देगा। ब्रिज की एप्रोच रोड का निर्माण पीडब्ल्यूडी करेगी। रेलवे गेट पर रेलवे ट्रैक से करीब 9 मीटर ऊंचाई पर ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है।
जनवरी 2016 में हुआ था सर्वे
ब्रिज कॉर्पोरेशन ने जनवरी 2016 में सोनासांवरी रेलवे गेट 226 और धरमकुंडी गेट 222 का सर्वे किया था। उस वक्त वह करीब 12 करोड़ का प्रोजेक्ट था मगर विभाग का एसओआर बदलने से उसकी लागत बढ़ गई। लोक निर्माण विभाग ब्रिज ने दूसरी बार में इसका 22 करोड़ रुपए नया एस्टीमेट तैयार किया और ड्राइंग डिजाइन, डीपीआर शासन को भेजी थी।
रेलवे बना रही 72 मीटर ब्रिज
प्रथम चरण में रेलवे यहां 72 मीटर बोस्ट रिंग गर्डर ब्रिज का निर्माण करा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार की भागीदारी में तीनों साइड 300-300 मीटर लंबे एप्रोच रोड का निर्माण पीडब्ल्यूडी करेगी। रेलवे गेट पर रेलवे ट्रैक से करीब 9 मीटर ऊंचाई पर ओवरब्रिज का निर्माण होगा। ब्रिज की कुल लंबाई करीब 600 मीटर होगी। ये भी पढ़ें: बिजली कंपनी का ऐलान, ‘सोलर पैनल’ के लिए नहीं लगाना पड़ेगा ‘मीटर’ यह होता है बो-स्ट्रिंग गार्डर ब्रिज
बो-स्ट्रिंग गार्डर ब्रिज (स्टील के ढांचे वाला धनुष के आकार का सेतु) है। जिसमें आर्च के बाहर की ओर निर्देशित क्षैतिज बल, ज़मीन या पुल की नींव के बजाय आर्च के सिरों को बांधने वाले कॉर्ड द्वारा तनाव के रूप में वहन किए जाते हैं। यह मजबूत कॉर्ड डेक संरचना हो सकती है। या अलग-अलग, डेक-स्वतंत्र टाई-रॉड से मिलकर बनी हो सकती है। ब्रिज कॉर्पोरेशन के एसडीओ एआर मौर्य ने बताया कि इस ब्रिज पर गर्डर रखने में सुविधा होगी।
बता दें कि न्यास कॉलोनी बायपास रोड से रेलवे पुल के रास्ते खेड़ा स्टेडियम पहुंच मार्ग का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन रेलवे पुल के नीचे निर्माण पर रोक से इस रास्ते का फायदा लोगों को अब भी नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में सोनासांवरी, साकेत, इटारसी शहर के लोग उबड़-खाबड़ रास्ते से आवाजाही कर रहे हैं।