Bone marrow transplant : प्रदेश की दूसरी बोनमेरो ट्रांसप्लांट यूनिट मेडिकल अस्पताल में शुरू होगी। कर्मचारियों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। प्रशिक्षण पूरा होते ही यूनिट शुरू कर दी जाएगी। नए साल में इस यूनिट की शुरुआत हो जाएगी। बीएमटी के शुरू होने पर जेनेटिक समस्याओं से जूझ रहे मरीजों, थैलेसीमिया, सिकलसेल एनीमिया जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी।
बोन मेरो ट्रांसप्लांट यूनिट एक स्पेशलाइज्ड यूनिट होगी, जो अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के लिए समर्पित रहेगी। इस इकाई में रोगियों को अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक देखभाल और उपचार प्रदान किया जाएगा। विशेषज्ञों की टीम रोगियों की देखभाल करेगी। यूनिट में लैबोरेटरी सेवाएं भी मिलेगी। इसमें रक्त परीक्षण, अस्थि मज्जा परीक्षण और अन्य आवश्यक परीक्षण शामिल हैं। यूनिट में एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई भी की जा सकेगी।
Bone marrow transplant : बीएमटी के ये मिलेंगे लाभ
बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में विशेषज्ञ चिकित्सकों और नर्सों की टीम होती है, जो रोगियों को विशेषज्ञ देखभाल प्रदान करती है। यूनिट में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और उपकरण उपलब्ध होंगे।
Bone marrow transplant : इस प्रकार मिल रहा प्रशिक्षण
बीएमटी यूनिट में जिन चिकित्सकों को सेवाएं देना है उन्हें मटोलॉजी और ऑन्कोलॉजी में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट के विभिन्न प्रकारों में ऑटोलॉगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट और अल्लोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट शामिल हैं। इसके अलावा चिकित्सकों को इम्यूनोलॉजी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे वे रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को समझ सकेंगे।
बीमएटी से संबंधित स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद यूनिट को जल्दी ही शुरू किया जाएगा।
डॉ.श्वेता पाठक, हेमेटोलॉजिस्ट व प्रोजेक्ट प्रभारी बीएमटी, एनएचसीबी मेडिकल कॉलेज
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