एसटी आरक्षण का लाभ लेने वाला फर्जी डॉक्टर बेनकाब

fake doctor : एसटी कैटेगरी का दुरुपयोग
सतेंद्र ओबीसी कैटेगरी का है। उसे एमबीबीएस करना था, लेकिन ओबीसी कैटगरी में सीट कम होने के कारण उसने अपने दोस्त कटनी निवासी एसटी कैटेगरी के मित्र बृजराज उइके के नाम का इस्तेमाल किया। पुलिस फिलहाल सतेंद्र की तलाश कर रही है। लेकिन, उसका फोन लगातार बंद आ रहा है।fake doctor : मेडिकल से डिग्री, अस्पताल में नौकरी
थ्री इडियट्स फिल्म में जिस तरह आमिर खान अपने मालिक के पुत्र रणछोड़दास के दस्तावेजों पर पढ़ाई करता रहा और डिग्री हासिल कर ली। इसी तरह सतेन्द्र ने बृजराज के दस्तावेजों के आधार पर मेडिकल में दाखिला लिया और एमबीबीएस की डिग्री ली। उसकी अंकसूची में अपनी तस्वीर लगाई और वर्ष 2011 में एमबीबीएस में बृजराज बनकर दाखिला लिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने डॉ. बृजराज बनकर ही नौकरी भी शुरू कर दी। यह भी पढ़ें एमपी में दमोह जैसा मामला, मरीज की मौत के बाद बड़ा खुलासा- डॉक्टर निकला ‘पेंटर’

fake doctor : ऐसे किया फर्जीवाड़ा
● आरोपी सतेंद्र है ओबीसी कैटेगरी का● एसटी कैटेगरी के दोस्त की अंकसूची में लगाई तस्वीर
● फर्जी दस्तावेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की
● उसी डिग्री से नौकरी भी करने लगा
fake doctor : ये है मामला
रेलवे सौरभ ऑफीसर्स कॉलोनी निवासी मनोज कुमार महावर की मां शाति देवी की मार्बल सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मनोज ने मेडिकल रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस से शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी मां का इलाज किस डॉक्टर ने किया था, यह पता नहीं चल रहा। अस्पताल के बोर्ड में जिस डॉ. बृजराज सिंह उइके का नाम लिखा है, वह तो कोई और ही है। मनोज ने जानकारी जुटानी शुरू की, तो खुलासा हुआ कि असल में बृजलाल डॉक्टर नहीं पेंटर है। जो फोटो अस्पताल के डॉक्टर्स बोर्ड पर लगी थी, वह उसके दोस्त सतेंद्र की है।- सोनू कुर्मी, सीएसपी, ओमती