famous Restaurants : शहर की प्राइम लोकेशन सिविक सेंटर में 2 एकड़ परिसर मात्र 6.80 लाख रुपये मासिक किराये पर लेने के बाद शाही ठाठ रेस्टोरेंट खोलने वाले होटल कारोबारी ने वहां बच्चों के हक के एयूजमेंट पार्क पर ही डाका डाल दिया। जब रेस्टोरेंट और रिक्रिएशन सेंटर नहीं चला तो साल भर के अंदर बंद कर दिया। अब पर्दे के पीछे लाखों की अमानत राशि को येन-केन प्रकारेण वापस लेने की जुगत जारी है। नियमानुसार होटल सरेंडर करने पर अमानत राशि जब्त करने का प्रावधान है।
रेस्टोरेंट सरेंडर होने के बाद संपत्ति स्वामी जबलपुर विकास प्राधिकरण ने नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। जेडीए सीईओ दीपक कुमार वैद्य ने बताया कि रेस्टोरेंट व रीक्रिएशन सेंटर 6.80 लाख रुपये मासिक किराया पर प्रिंस विराज होटल के संचालक विजय राठौर को संचालन के लिए दिया था। ठेका दस साल के लिए था जिसे 3-3 साल में रिन्यू किया जाना था। संचालन नहीं कर पाने के कारण राठौर ने ठेका सरेंडर कर दिया है। नियमानुसार करीब अमानत राशि जब्त की जाएगी।
famous Restaurants : ठेकेदार को ही करना था संचालन
जबकि प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि एयुजमेंट पार्क परिसर में अलग से है और ठेका शर्त के अनुसार ठेका कंपनी को ही उसका संचालन करना है। जबकि, मनोरंजन पार्क में आने वाले बच्चों और अभिभावकों को ठेकेदार प्रिंस विराज होटल के मालिक राठौर के कर्मचारियों का कहना था कि बड़ी राशि खर्च कर 10 साल के लिए परिसर को ठेके पर लिया है। अगर बच्चों के मनोरंजन लिए एयुजमेंट पार्क का संचालन करने लगे तो उन्हें बड़े नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इसलिए वे परिसर का कॉमर्शियल उपयोग ही करेंगे।
famous Restaurants : मनोरंजन पार्क में खास को प्रवेश
परिसर में होटल के साथ बच्चों के लिए एयुजमेंट पार्क भी बना हुआ है, लेकिन राठौर ने पार्क में आम बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। यहां केवल उन्हीं परिवारों के बच्चे एयुजमेंट चिल्ड्रन पार्क में जा पाते थे जो रेस्टोरेंट में खाना खाने आते थे।
famous Restaurants : साढ़े सात करोड़ की लागत से विकसित है परिसर
सिविक सेंटर में एयुजमेंट पार्क और रेस्टोरेंट का 7.5 करोड़ की लागत से निर्र्माण किया गया है। न्यायालय के आदेश के बाद यहां से नए सिरे से एयूजमेंट चिल्ड्रन पार्क, रिक्रिएशन सेंटर विकसित किया गया। बच्चों के लिए यहां आकर्षक पार्क के साथ छोटा तालाब भी तैयार किया था। जेडीए अधिकारियों ने बताया कि बच्चे लजीज व्यंजन का लुत्फ उठा सकें, इसके लिए कैफेटेरिया भी बनाया गया है।
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