Gift of plants : विवाह समारोह भी अब पर्यावरण संरक्षण का जरिया बनने लगे हैं। लोग पर्यावरण के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए विवाह समारोहों के जरिये इसके संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे हैं। संस्कारधानी में हो रहे बहुत से विवाह समारोहों में पर्यावरण को लेकर नवाचार किए जा रहे हैं। मेहमानों को बतौर रिटर्न गिट पौधे दिए जा रहे हैं। जोड़ों को पर्यावरण, प्रकृति के संरक्षण व सुरक्षा के संकल्प दिलाए जा रहे हैं। नवविवाहिता युगल से पौधरोपण कराया जा रहा है। वहीं इन समारोहों में भोजन की बर्बादी की रोकथाम के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। प्लास्टिक के चलन को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न समाज व संगठन भी इस दिशा में कदम उठा रहे हैं।
रामपुर के सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के विवाह में आए मेहमानों को रिटर्न गिट के रूप में पौधे दिए। सभी को पौधे रोपने सहित पौधों के संरक्षण के लिए कार्य करने के लिए भी प्रेरित किया। गढ़ा के रामेंद्र सिंह ने बताया कि उनके भाई के विवाह में मेहमानों को पाम, तुलसी, एलोवेरा व मनी प्लांट के पौधे देकर उन्हें रोपने व संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
Gift of plants : पौधरोपण और उनके संरक्षण की दी जा रही है प्रेरणा
धनवंतरि नगर के एक नवदपति ने शादी के दौरान पर्यावरण संरक्षण का वचन लिया। क्षेत्र निवासी अजय चौरसिया ने बताया कि दूल्हा दुल्हन के इस कदम से समारोह में आए सभी मेहमान पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित हुए। उन्होंने बताया कि चौरसिया समाज ने भोपाल से विवाह समारोह में आठवें वचन पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत की है। जल्द ही जबलपुर में भी इस कदम के बारे में सकारात्मक फैसला लिया जाएगा।
Gift of plants
Gift of plants : विवाह समारोहों में कर रहे पर्यावरण की चिंता, मेहमानों को बांट रहे पौधे
गढ़ा के रामानुज श्रीवास ने बताया कि बहन के विवाह में बचा हुआ भोजन उन्होंने गरीबों को खिलाया। विजयनगर के संदीप सक्सेना ने बताया कि छोटे भाई के विवाह में बचा भोजन पैकेटों में गरीबों को बांटा। विवाह की पार्टियों में बचा हुआ भोजन एकत्र कर जरूरतमंदों को बांटने के लिए लोग इस दिशा में काम कर रही संस्थाओं की भी मदद ले रहे हैं।
Gift of plants : पॉलीथिन के उपयोग को कम करने प्रयास
बीते दिनों गौरीघाट में हुए एक विवाह समारोह को प्लास्टिक मुक्त रखने का उल्लेखनीय प्रयास किया गया। इसमें आयोजकों ने मिट्टी और पत्तों के बर्तनों का इस्तेमाल किया। शास्त्री नगर के एक पर्यावरण प्रेमी परिवार ने विवाह समारोह में प्लास्टिक के बजाय तांबे के लोटों से पानी पिलाने का आग्रह किया। वहीं विजयनगर में हुए ठाकुर परिवार के विवाह समारोह में सजावट से लेकर भोजन तक कहीं भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया।
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