मेडिकल, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बड़ी संख्या में ओपीडी में वायरल
सर्दी जुकाम और उल्टी दस्त के पीडि़त बच्चे पहुंच रहे
Kids health issues : पिछले एक हफ्ते से मौसम में उतार चढ़ाव देखा जा रहा है। मौसम के बदलाव का सीधा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। वायरल, सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही हैं। जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में हर दिन औसतन 500 से ज्यादा बच्चे पहुंच रहे हैं। बारिश के कारण केवल सर्दी-जुखाम ही नहीं, बल्कि पेट दर्द और पाचन संबंधी समस्याओं से भी बच्चे परेशान हैं। इनमें नवजात शिशु से लेकर 10 साल तक के बच्चे ज्यादा हैं।
Kids health issues : पानी से होने वाली बीमारियां सबसे ज्यादा
जिला अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार बारिश के मौसम में बच्चों में पानी से होने वाली बीमारियां सबसे ज्यादा हो रही हैं। इनमें वायरल सर्दी, खांसी और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 200 से ज्यादा बच्चे पहुंच रहे हैं। मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है, जिससे वे इन बीमारियों की जद में आ रहे हैं। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चे एक दूसरे के संपर्क में आने से सबसे ज्यादा बीमार हो रहे हैं। यदि बच्चों को संक्रमण की शिकायत है तो उसे बाकी बच्चों से दूर रखें। इससे वह दूसरों को संक्रमित न कर सके।
Kids health issues : बच्चों का रखें ध्यान
बच्चों को बाहर का खाना, फास्ट फूड न दें।
बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर गर्म खाना दें, जिसमें हरी सब्जियां, सूप और गर्म दूध शामिल हो।
बच्चों को बारिश के संपर्क में आने से बचाएं।
यदि बच्चे बाहर खेलते हैं, तो उन्हें गंदगी आदि से दूर रहने कहें। -यदि बच्चे में सर्दी-जुखाम, बुखार या पेट दर्द के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत बच्चे को पर्याप्त आराम दें और घर के अंदर रखें।
डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न दें। लक्षण गंभीर होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
Kids health issues : मौसम में बदलाव के चलते वायरल फीवर का अटैक बढ़ गया है। खासकर बच्चों में उल्टी दस्त के केस भी सामने आ रहे हैं। रोजाना 2200 से 2500 के बीच ओपीडी आ रही है, इनमें बच्चों की संख्या 250 से 300 के बीच है। इस मौसम में पानी से होने वाली बीमारियां सबसे ज्यादा हो रही हैं, ऐसे में उन्हें उबला पानी दें, खान पान का विशेष ध्यान रखें, बाहरी खाने को पूरी तरह से नजरअंदाज करने की आवश्यकता है।
डॉ. अरविंद शर्मा, सुप्रिटेंडेंट, नेताजी सुभाषचंद बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल
Hindi News / Jabalpur / जबलपुर : हर घर का बच्चा बीमार, अस्पतालों मेें रोजाना पहुंच रहे हजारों मामले