24 साल की साली के कमरे में पहुंचा जीजा तो देखकर रह गया दंग…
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने दायर याचिका की सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शिकायतकर्ता महिला विवाहित है। इसलिए शादी का झूठा वादा कर शारीरिक संबंध के लिए सहमति को तथ्यों की गलत धारणा के दायरे में नहीं लाया जा सकता है। शिकायतकर्ता ने एफआईआर में बताया है कि पिछले 3 महीनों से पड़ोस में रहने वाले युवक से उसके संबंध थे। जब भी पति बाहर जाता तो युवक उसके घर आता था और उनके बीच शारीरिक संबंध होते थे। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि महिला ने किसी गलत धारणा के तहत रिलेशन के लिए सहमति दी थी। कोर्ट ने युवक को दोषमुक्त करते हुए दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के आदेश दिए हैं।