दरअसल, वह गुरुवार को भोपाल से जबलपुर के लिए श्रीधाम एक्सप्रेस से रवाना हुए थे। स्वामी रामनरेशाचार्य का जबलपुर में एक हफ्ते का कार्यक्रम था। जिसमें वह यहां के गौरीघाट, जिलहरीघाट स्थित प्रेमानंद आश्रम में एक हफ्ते तक रुकने वाले थे। जैसे ही उनके लापता होने की खबर फैली। वैसे ही हड़कंप मच गया। बता दें कि, उन्हें विशेष सुरक्षा प्राप्त थी। संत रामनरेशाचार्य को ढूंढने के लिए पिपरिया स्टेशन में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जा रही है।
कौन हैं स्वामी रामनरेशाचार्य
जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य रामानंदी वैष्णवों की मूल आचार्यपीठ श्रीमठ के पीठाधीश्वर हैं। उन्होंने अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर राममंदिर निर्माण के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हाराव द्वारा गठित रामालय ट्रस्ट के संयोजक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस ट्रस्ट में द्वारका पीठ और ज्योतिष पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती तथा शृंगेरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ जी भी शामिल थे।