उन्होंने आगे कहा कि एनएमडीसी का फोकस अगले वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड परिणाम प्राप्त करने पर केंद्रित है और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए जनवरी 2025 तक संचयी उत्पादन और बिक्री क्रमश:35.87 मिलियन टन और 36.22 मिलियन टन रही है। जनवरी 2025 में उत्पादन निष्पादन पिछले वर्ष की इसी अवधि (सीपीएलवाई) की तुलना में 12.36 प्रतिशत बढक़र 5.10 मिलियन टन तक पहुंच गया है। जो कि स्थापना के पश्चात से अब तक का जनवरी माह का सर्वोच्च उत्पादन है।
यह वृद्धि खनिज की बढ़ती मांग को पूरा करने, देश की औद्योगिक आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने और भारत की आत्मनिर्भरता- यात्रा में योगदान देने के लिए एनएमडीसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
अमिताभ मुखर्जी ने कहा कि एनएमडीसी का उत्पादन और प्रेषण निष्पादन स्थापना के बाद से जनवरी माह में अब तक का सर्वोच्च है, जो इसके असाधारण नेतृत्व एवं परिचालन उत्कृष्टता को दर्शाता है।
घोषित
बजट पर उन्होंने कहा सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकासोन्मुखी बजट 2025-26 एनएमडीसी को अपने विजन 2030 के तहत 100 मिलियन टन उत्पादन क्षमता प्राप्त कर सीमा से आगे बढऩे के अवसर प्रदान करेगा । घरेलू बाजार में 1/6 हिस्सेदारी के साथ भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक के रूप में, सहयोग और सुधार उपायों पर बल, घरेलू विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।
प्रगति चक्र के साथ एनएमडीसी की यात्रा जारी
प्रगति चक्र के साथ -साथ एनएमडीसी की यात्रा जारी है, इसका प्रत्येक मील का पत्थर एक समृद्ध भविष्य की ओर एक कदम है। कंपनी अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों और भारत के हरित परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए लिथियम और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का गवेषण भी कर रही है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने हाल ही में स्टेकधारकों की एक बैठक आयोजित की और अगले पांच वर्षों में लगभग 70,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी पूंजीगत व्यय (सीएपीईएक्स) योजना की जानकारी दी। यह निवेश नई विस्तार योजनाओं और आधारभूत संरचना विकास के लिए इसके रोडमैप और रणनीतियों का हिस्सा है।