बढ़ सकते हैं सरसों तेल के दाम
विशेषज्ञों के अनुसार सरसों का उत्पादन कम होने से इसका असर फूड ऑयल इंडस्ट्री पर पड़ेगा। सरसों तेल के दाम भी बढ़ सकते हैं। वहीं सरसों के ऑयल से बनने वाले खाद्य पदार्थों से जुड़ा कारोबार भी प्रभावित हो सकता है। सीकर, चूरू, बीकानेर, झुंझुनूं, एवं खैरथल-तिजारा जिलों में ओलावृष्टि से भी फसलों को नुकसान पहुंचा है।ज्वार, बाजरा और मक्का का उत्पादन बढ़ा
गेहूं का उत्पादन पिछले वित्तीय वर्ष में 120.17 लाख टन की तुलना में इस बार 121.68 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल जौ का उत्पादन 10.36 लाख टन हुआ था और इस बार 14.34 लाख टन होने का अनुमान है। वहीं पिछले वर्ष चने की पैदावार 19.19 लाख टन हुई और इस बार 25.18 लाख टन होने की संभावना है। इस बार ज्वार, बाजरा और मक्का का उत्पादन भी बढ़ा है।राजस्थान विश्वविद्यालय का ताजा फरमान, अब सीनेट हॉल में नहीं होंगे सेवानिवृत्त समारोह व शोक सभाएं
उपज वर्ष – 2023-24 – 2024-25 (अनुमानित)
सोयाबीन 12.98 -2 11.97कपास 26.21 -2 18.45
ग्वार बीज 14.80 -2 19.26
गन्ना 3.63 -2 4.40
मूंगफली 20.16 -2 23.73
अरण्डी 3.25 -2 3.12
तिल 0.71 -2 0.80
मूंग 8.12 -2 15.01
मोठ 3.51 -2 4.31
उड़द 1.49 -2 1.98
चावल 7.46 -2 9.44
मोटा अनाज
ज्वार 4.51 -2 4.87बाजरा 43.83 -2 46.70
मक्का 20.63 20.97
(उत्पादन लाख टन में)
फसल को मौसम ने पहुंचाया नुकसान
इस बार सरसों का उत्पादन कम होने की संभावना है। फसल को मौसमी कारणों से नुकसान भी पहुंचा है। इसलिए इससे सरसों इंडस्ट्री प्रभावित होगी। मील एक्सपोर्ट घटने की संभावना है।डॉ मनोज मुरारका, अध्यक्ष नेशनल ऑयल एंड ट्रेड एसोसिएशन