जयपुर। हाईकोर्ट ने बामनवास से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा को राहत दी। कोर्ट ने भाजपा के बौंली मंडल के अध्यक्ष की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी। साथ ही, पुलिस से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की। न्यायाधीश समीर जैन ने इंदिरा मीणा की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया।
अधिवक्ता कृतेश ओसवाल ने कोर्ट को बताया कि विवाद 13 अप्रेल को अम्बेडकर जयंती से एक दिन पहले शुरू हुआ। भाजपा पदाधिकारी हनुमंत दीक्षित ने राजनीतिक द्वेष के कारण याचिकाकर्ता के खिलाफ बौंली थाने में मामला दर्ज कराया गया। एफआईआर में मारपीट व गाड़ी में तोड़फोड़ का आरोप लगाया।
वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से भी एफआइआर दर्ज कराई गई। इस एफआइआर में कहा कि दीक्षित ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर लगी टाइल्स तोड़कर उनका अपमान किया। इसके अलावा भाजपा के एक पदाधिकारी ने याचिकाकर्ता की गाड़ी रोककर उनके साथ अभद्रता और मारपीट की। याचिका में इंदिरा मीणा के खिलाफ बौंली थाने में दर्ज कराई गई एफआइआर को रद्द करने का आग्रह किया गया।
ये है पूरा मामला
बौंली कस्बे में अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर अंबेड़कर सर्किल पर बनी बाबा साहेब की प्रतिमा के चारों ओर पट्टिका लगाने को लेकर भाजपा कार्यकर्ता हनुमंत दीक्षित और कांग्रेसी विधायक इंदिरा मीणा के बीच सियासी विवाद हो गया था। सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कांग्रेस विधायक और भाजपा नेता के बीच हंगामा दिख रहा था। कांग्रेस विधायक ने गाड़ी में बैठे भाजपा की कॉलर खींची थी। भाजपा के मंडल अध्यक्ष पर आरोप था कि उन्होंने नाम पट्टिका से विधायक का नाम हटा दिया था। इसको लेकर विवाद हुआ था।