बता दें कि तीन दिन पहले यह घटना उस समय हुई, जब तीनों छात्राएं स्कूल के वाटर टैंक के पास खड़ी थी और अचानक टैंक की पट्टियां टूटने से वे 8 फीट गहरे टैंक में गिर गई। हादसा सुबह स्कूल खुलने के कुछ समय बाद हुआ, जब छात्राएं अपनी पढ़ाई के लिए स्कूल पहुंची थी।
परिवारवालों का कहना है कि यह केवल एक हादसा नहीं, बल्कि यह एक गंभीर लापरवाही और प्रशासनिक कमी का परिणाम है। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश नहीं थम रहा है। उनका कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।