आपके बिना यह शादी रहेगी अधूरी
सुधा मूर्ति ने बताया कि उनकी किताब महाश्वेता सफेद धब्बों वाली एक लड़की की कहानी है। उसका अंतिम चैप्टर ए वेडिंग टू रिमेंबर है। उनकी किताब से प्रेरित होकर एक लड़के ने ल्यूकोडर्मा से ग्रस्त लड़की से शादी की। उन लोगों ने उन्हें कहा था कि आपके बिना शादी अधूरी रहेगी।Jaipur Literature Festival 2025 : AI बहुत पावरफुल चीज, सुधा मूर्ति बोली- यह दिमाग की भाषा समझता है, दिल की नहीं
बर्थडे पर मां नहीं देने देती थीं दोस्तों को पार्टी
अक्षता ने बताया कि जब मैं आठ साल की थी तो मैं अपने बर्थडे पर पार्टी देना चाहती थी, लेकिन मां ने सारे पैसे लेकर मेरी पसंद की चैरिटी को दे दिए, उस वक्त मुझे यह बहुत नागवार गुजरा, लेकिन वास्तव में समाज को कुछ देने की मेरी नींव इसी के साथ पड़ी। इस पर सुधा ने कहा कि मैं तुम्हें समोसा और फ्रूटी तो देती ही थी। अक्षता ने कहा कि शायद इसी वजह से उनके जीवन में भगवत गीता का बहुत प्रभाव है। वह कर्मण्येवाधिकारस्ते… में बहुत विश्वास रखती हैं।जिंदगी से सीखना जरूरी
अक्षता ने बताया कि अम्मा उन्हें बचपन में एक ओर इतिहास पढ़ाती थीं लेकिन दूसरी ओर उन्होंने फिलोस्फी साइंस, पॉलिटिक्स बारे में पढ़ाया। उन्होंने हमें सिखाया कि भले ही कक्षा में टेस्ट पास करके सीखते हैं, लेकिन आप जिंदगी से भी बहुत कुछ सीखते हैं और जिस दिन सीखना बंद कर देते हैं, आप जीना बंद कर देते हैं। अक्षता ने फोटो इंस्टाग्राम पर भी शेयर किए हैं।सेशन की खास बातें
1- नॉलेज किसी एक सोर्स से नहीं आती है, जैसे समुद्र किसी एक नदी से नहीं भरता।2- अपने आपसे भी सीखते रहें, सीखने की कोई उम्र नहीं होती।
3- बच्चों को उड़ने दें, लेकिन जताए बिना उनका कंट्रोल अपने हाथ में रखें।
4- लर्निंग बिना किसी भी उद्देश्य के भी होनी चाहिए।
5- अपने परिवार के साथ वक्त गुजरें,उनके साथ सुख दुख वाद विवाद सब कुछ शेयर करें
6- हर सफल औरत के पीछे समझदार आदमी होता है, लेकिन हर सफल आदमी के पीछे नहीं बल्कि उसके साथ चलने वाली औरत होती है।
7- अपने पार्टनर को उसकी सारी कमियों के साथ स्वीकारें और समय समय पर तारीफ करना न भूलें।
8- जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, केवल दृढ़ निश्चय से ही आप मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकल सकते हैं।
9- अगर आपके किसी काम से किसी का भला होता है, तो अवसाद खत्म हो जाता है।
10- जिंदगी में जो कोई भी आपका सिखाता है, वह आपका गुरु होता है।
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खास बातें
बच्चों के लिए सुधा और अक्षता ने लिया ब्रेकएक सवाल के जवाब में सुधा मूर्ति ने कहा कि बच्चों के लिए मैंने और अक्षता ने कॅरियर से ब्रेक लिया था। मां की जरूरत बच्चे को सबसे ज्यादा होती है। हालांकि यह उन दोनों का निजी विचार है। उन्होंने कहा, लड़कों को 14 साल की उम्र तक मां की जरूरत होती, इसके बाद फोन उनका साथी होता है। लड़कियों की जरूरत 12 साल तक होती है, उसके बाद 19 साल की उम्र में वे आपके पास आती हैं। बच्चे थोड़े बड़े होने पर फिर से काम पर लौट जाएं।