
राजस्थानियों को इस तरह से मिलता फायदा
इस ट्रेन का राजस्थान के लोग भी काफी इंतजार देख रहे थे। बड़ी संख्या में राजस्थान के लोग कश्मीर घूमने जाते हैं। इसके अलावा राजस्थान के काफी संख्या में सैनिक कश्मीर इलाके में तैनात हैं। यह ट्रेन चलती तो राजस्थान से कश्मीर घूमने वालों का फायदा मिलता। वैष्णों देवी घूमने के बाद कश्मीर पर्यटन को जोडऩे का एक अच्छा माध्यम बन जाता। राजस्थान में समर वैकेशन भी मई में शुरू हो रहा है। कई लोगों ने वैष्णो देवी होते हुए कश्मीर घूमने का प्लान बनाया था। लेकिन रेल लाइन के उद्घाटन नहीं होने से इस बार समर वैकेशन में यह फायदा नहीं मिल पाएगा।
सुरक्षा कड़ी की, हर जगह बढ़ी चौकसी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने पहलगाम हमले के बाद रेलवे लाइन की सुरक्षा को और मजबूत किया है। चिनाब व अंजी ब्रिज जैसे ऐतिहासिक पुल, सुरंग और अन्य स्थलों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। रेल लाइन में 38 टनल्स और 13 किमी लंबाई के 931 पुलों की सुरक्षा चुनौती भरा काम है। सूत्रों का कहना है कि अब यहां करीब 4 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए जा रहे हैं।
कर्मचारियों के लिए एडवाइजरी जारी
रेलवे ने कश्मीर में तैनात अपने गैर-कश्मीरी कर्मचारियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। उन्हें अकेले बाहर जाने से मना किया गया है। फिलहाल उद्घाटन की तारीख तय नहीं: उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन का उद्घाटन 19 अप्रेल को पीएम नरेंद्र मोदी को करना था, लेकिन खराब मौसम से कार्यक्रम स्थगित हो गया। इसके बाद पहलगाम में आतंकी हमला हो गया। रेलवे सूत्रों ने बताया कि फिलहाल उद्घाटन कार्यक्रम की कोई तारीख तय नहीं हुई है।
सबसे लंबी टनल और सबसे ऊंचा पुल
कटरा-बनिहाल रेल लाइन का 111 किलोमीटर क्षेत्र दुर्गम हिमालयी भूभाग और गहरे नदी गड्ढों वाला है। इसमें 27 मुख्य टनल्स और 8 एस्केप टनल्स है। भारत की सबसे लंबी 12.75 किलोमीटर लंबी टनल सुंबर-अरपिंचला और सबसे ऊंचा चिनाब नदी का पुल भी इस लाइन पर स्थित है। दुर्गम क्षेत्रों के चलते इनकी सुरक्षा करना बहुत चुनौती वाला काम है, ऐसे में भरपूर सतर्कता बरती जा रही है।