scriptधनु खरमास 2024: 15 दिसंबर से एक महीने तक मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, जानिए खास वजह | Kharmas 2024: There will be a pause on auspicious activities for one month | Patrika News
जयपुर

धनु खरमास 2024: 15 दिसंबर से एक महीने तक मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, जानिए खास वजह

धनु खरमास (मलमास) की शुरुआत 15 दिसंबर से होगी। इसके साथ ही शादी- ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम लग जाएगा।

जयपुरDec 14, 2024 / 03:05 pm

Devendra Singh

Kharmas 2024

Kharmas 2024

जयपुर. धनु खरमास (मलमास) की शुरुआत 15 दिसंबर से होगी। इसके साथ ही शादी- ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम लग जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक रविवार को रात 10 बजकर 19 मिनट पर सूर्यदेव वृश्चिक से निकलकर गुरु की राशि धनु में प्रवेश करेंगे। एक महीने बाद 14 जनवरी की सुबह 8:16 बजे सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा व मांगलिक कार्य फिर से शुरू होंगे। अगले साल 16 जनवरी को पहला सावा होगा।

मान्यता : गधों ने रथ खींचा, इसलिए हुआ खरमास

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। सूर्य देव को कहीं भी रुकने की इजाजत नहीं है, लेकिन रथ में जुड़ेघोड़े लगातार चलने से थक जाते हैं। घोड़ों की ये हालत देखकर सूर्यदेव का मन द्रवित हो गया और वे घोड़ों को तालाब के किनारे ले गए, लेकिन तभी उन्हें एहसास हुआ कि अगर रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा। तालाब के पास दो खर मौजूद थे। मान्यता के मुताबिक सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और आराम करने के लिए वहां छोड़ दिया और खर यानी गधों को रथ में जोत लिया। गधों को सूर्यदेव का रथ खींचने में जद्दोजहद करने से रथ की गति हल्की हो गई और जैसे-तैसे सूर्यदेव इस एक मास का चक्र पूरा किया। घोड़ों के विश्राम करने के बाद सूर्य का रथ फिर अपनी गति में लौट आया। इस तरह हर साल यह क्रम चलता रहता है। यही वजह है कि हर साल खरमास लगता है।

खरमास में करें भागवत कथा का पाठ

ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री ने बताया कि खरमास में श्रीराम कथा, भागवत कथा, शिव पुराण का पाठ करें। रोज अपने समय के हिसाब से ग्रंथ पाठ करें। कोशिश करें कि इस महीने में कम से कम एक ग्रंथ का पाठ पूरा हो जाए। ऐसे करने से धर्म लाभ के साथ ही सुखी जीवन जीने से सूत्र भी मिलते हैं। ग्रंथों में बताए गए सूत्रों को जीवन में उतारेंगे तो सभी दिक्कतें दूर हो सकती हैं।

खरमास में दान का महत्व

खरमास में दान करने से तीर्थ स्नान जितना पुण्य फल मिलता है। इस महीने में निष्काम भाव से ईश्वर के नजदीक आने के लिए जो व्रत किए जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है और व्रत करने वाले के सभी दोष खत्म हो जाते हैं। इस दौरान जरूरतमंद लोगों, साधुजनों और दुखियों की सेवा करने का महत्व है। खरमास में दान के साथ ही श्राद्ध और मंत्र जाप का भी विधान है। घर के आसपास किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें। पूजन सामग्री जैसे कुमकुम, घी, तेल, अबीर, गुलाल, हार-फूल, दीपक, धूपबत्ती आदि।

खरमास में क्यों नहीं रहते हैं शुभ मुहूर्त

टैरो कार्ड रीडर क्यूटी शर्मा ने बताया कि सूर्य एक मात्र प्रत्यक्ष देवता और पंचदेवों में से एक है। किसी भी शुभ काम की शुरुआत में गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। जब सूर्य अपने गुरु की सेवा में रहते हैं तो इस ग्रह की शक्ति कम हो जाती है। साथ ही सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कम होता है। इन दोनों ग्रहों की कमजोर स्थिति की वजह से मांगलिक कर्म न करने की सलाह दी जाती है। विवाह के समय सूर्य और गुरु ग्रह अच्छी स्थिति में होते हैं तो विवाह सफल होने की संभावनाएं काफी अधिक रहती हैं।

करें सूर्य पूजा

खरमास में सूर्य ग्रह की पूजा रोज करनी चाहिए। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। जल में कुमकुम, फूल और चावल भी डाल लेना चाहिए। सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें।

Hindi News / Jaipur / धनु खरमास 2024: 15 दिसंबर से एक महीने तक मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, जानिए खास वजह

ट्रेंडिंग वीडियो