जयपुर। शिप्रापथ थाना पुलिस ने फर्जी साइबर पुलिसकर्मी बनकर अपहरण के मामले में गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सरगना सहित तीन आरोपियों को बापर्दा गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से आइटी, जीएसटी, एसीबी अधिकारियों के फर्जी आइ कार्ड बरामद किए हैं। साथ ही उनके कब्जे से फर्जी सील-मुहर और लैटर पैड बरामद किए हैं।
डीसीपी (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया कि मलारना डूंगर सवाईमाधोपुर निवासी भोला मीणा ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि उसका बेटा रामावतार जयपुर में त्रिवेणी नगर में कमरा किराए पर लेकर पढ़ाई कर रहा है। उसके साथ सुरेश मीणा भी रहता है। 23 फरवरी को सुरेश ने फोन कर बताया कि वह सब्जी लेकर कमरे पर लौटा तो दो व्यक्ति रामावतार को पकड़ कर अपने साथ ले गए। दोनों खुद को साइबर क्राइम पुलिस से बता रहे थे।
पिता को करवाया फोन
दोनों आरोपियों ने पीड़ित से अन्यत्र ले जाकर मारपीट की और उससे पिता को फोन करवाया। फोन पर पिता को खाते में 40 हजार ट्रांसफर करने को कहा। हालांकि पिता के पास इतनी रकम नहीं थी। इस पर उसने शिप्रापथ थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवाया।
मामला दर्ज होने के बाद कानोता और रिंग रोड की लोकेशन आने पर सादा वस्त्रों में पुलिसकर्मी लगाए गए। इसी दौरान रामावतार ने फोन कर बताया कि आरोपी उसे छोड़कर भाग गए। बाद में पीडित ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने मारपीट कर उससे 23 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए।
सॉफ्ट टारगेट चुनकर रैकी करते
सीसीटीवी फुटेज चैक कर पुलिस ने सरगना प्रताप नगर निवासी सुशील कुमार और उसके साथी आलोक कुमार और धीरज कुमार को बापर्दा गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने बताया कि वे भीडभाड़ वाली जगह या चाय की थड़ियों पर खुद को इनकम टैक्स अधिकारी और साइबर पुलिस अधिकारी बताते थे।
आरोपी सॉफ्ट टारगेट चुनकर उसकी रैकी करते। फिर गाड़ी में बैठाकर सुनसान जगह ले जाते। पीड़ित के घर वालों को पुलिसकर्मी बनकर धमकाते। मारपीट कर जेल भेजने के नाम पर रुपए मांगते थे। नहीं देने पर छोड़ भी देते थे। आरोपी पहले भी प्रताप नगर में ऐसी वारदात कर चुके थे।