राजस्थान में जिले खत्म करने लेकर विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच रार जारी रही। अध्यक्ष की व्यवस्था के मुताबिक कांग्रेस के दो विधायकों ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और आरोप लगाया कि सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना की वजह से जिले खत्म कर दिए। क्योंकि कोई मापदंड अपना कर जिले खत्म किए जाते तो सबसे पहले डीग जिला खत्म होता।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने वेल में आकर जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस की इन्दिरा मीना तो संसदीय कार्य मंत्री पटेल से बहस करते हुए उनकी कुर्सी की तरफ बढ़ गई। अध्यक्ष एवं अन्य विधायकों ने इंदिरा मीना को रोका।
मामला बिगड़ता देख अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सदन दुबारा शुरू हुआ तो विपक्ष के सदस्य सही जवाब की मांग करते हुए फिर खड़े हो गए। अध्यक्ष ने चर्चा समाप्त करने की व्यवस्था दी तो विपक्ष सदन से इस मुद्दे पर बहिर्गमन कर गया।
कांग्रेस ने चुनावी दांव खेला
पटेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जाते जाते चुनावी दांव खेलते हुए जिले बनाए थे। उनका कहना था कि एक जिले के गठन में 800 से 1 हजार करोड़ रुपए तक का खर्चा आता है, लेकिन सरकार ने जिले बनाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। बिना कोई पृष्ठभूमि तैयार किए सरकार ने जिले इस मंशा से बनाए कि जिससे कांग्रेस की सरकार रिपीट हो जाएगी। इस पर विपक्ष के सदस्य फिर नाराज होकर वेल में आ गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
पंवार कमेटी पर लगाए आरोप
इससे पहले कांग्रेस के सुरेश मोदी ने जिलों की समीक्षा करने वाली ललित के पंवार कमेटी पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। पंवार कमेटी ने तो नीम का थाना का दौरा तक नहीं किया। उन्होंने कहा, शेखावाटी में भाजपा को जो हार मिली है, उसका बदला नीम का थाना से जिले का दर्जा और सीकर से संभाग का दर्जा छीनकर लिया गया।
वहीं दूसरे विधायक कांग्रेस के ही रामकेश मीना ने कहा कि पंवार तो भाजपा के सदस्य रह चुके हैं। उनसे न्याय की क्या उम्मीद की जाए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह गंभीर विषय है यह नहीं बताया कि कौनसा जिला किस तथ्य के आधार पर खत्म किया गया।
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मंत्री घुमाते रहे, विपक्ष हुआ नाराज
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब में कहा कि सरकार के पास जिले-संभाग बनाने व खत्म करने का अधिकार है। पटेल ने जिलों को लेकर होईकोर्ट की टिप्पणी भी पढ़ी। इस दौरान बीच में विपक्ष की टोकाटाकी चलती रही, लेकिन विपक्ष सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। अध्यक्ष देवनानी ने पटेल से कहा कि दो मिनट में जवाब खत्म करें, लेकिन पटेल दो जिलों तक सीमित नहीं रहकर पुराना इतिहास पढ़ने लगे।
सदन में लहराई पत्रिका की प्रति
विधानसभा में राजस्थान पत्रिका की गूंज रही। वेटलैंड सिटी घोषित होने पर अपनी बात रखते हुए उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने पत्रिका की प्रति दिखाई और वेटलैंड दिवस पर पत्रिका के स्पेशल पेज का जिक्र किया। उन्होंने पत्रिका के अरावली संरक्षण के मुद्दे पर अपनी बात रखी।