PIL के नाम पर कानून के दुरुपयोग का बन रहा ट्रेंड, राजस्थान हाईकोर्ट नाराज, याचिका की खारिज
Rajasthan High Court Order : राजस्थान हाईकोर्ट ने पीआईएल पर अपनी नाराजगी जताते हुए सख्ती से कहा, पीआईएल के नाम पर कानून के दुरुपयोग का ट्रेंड बन रहा है। हाईकोर्ट ने एक लाख रुपए हर्जाना लगाकर जनहित याचिका खारिज की।
Rajasthan High Court Order : राजस्थान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि जनहित याचिका के नाम पर कानून के दुरुपयोग का ट्रेंड बनता जा रहा है। हाईकोर्ट ने जयपुर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं के खिलाफ दायर पीआईएल को तुच्छ प्रकृति की बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही, याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए हर्जाना लगाकर राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने को कहा। मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने भगवान सहाय चौधरी की जनहित याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने कहा, पहले भी समान मुद्दे पर दायर की थी पीआईएल
हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पहले भी समान मुद्दे पर पीआईएल दायर की, जिसे 5000 रुपए हर्जाने के साथ खारिज किया गया। याचिका में चरागाह जमीन पर विकसित जेडीए की योजनाओं पर रोक लगाने का आग्रह किया गया।
सभी स्कीम कानूनी प्रावधानों की पालना कर की जा रही विकसित
इस पर जेडीए की ओर से अधिवक्ता अमित कुडी ने कहा कि जेडीए की रोजदा फार्म हाउस योजना जालसू, फार्म हाउस एंड इको फ्रेंडली हाउसिंग स्कीम जयरामपुरा, रामपुरा डाबरी व अटल विहार आवासीय योजना, नारी का बास को चुनौती दी गई। ये सभी स्कीम कानूनी प्रावधानों की पालना कर विकसित की जा रही हैं।
अधिवक्ता अमित कुडी ने कहा कियाचिकाकर्ता पहले भी फार्म हाउस योजना को जनहित याचिका के जरिए चुनौती दे चुका। याचिका में कोई जनहित का नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका पर दखल से इनकार कर दिया।