बिजली कंपनियों ने घरेलू श्रेणी में एनर्जी चार्ज कम करने का दिया प्रस्ताव
हालांकि, बिजली कंपनियों ने ज्यादातर घरेलू श्रेणी में एनर्जी चार्ज कम करने का प्रस्ताव दिया है। इसलिए उनका दावा है कि फिक्स चार्ज बढ़ाना और अन्य सरचार्ज लगाना प्रस्तावित किया है, उसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। आयोग ने आमजन से इस पर आपत्ति-सुझाव मांगे हैं। जनसुनवाई के बाद याचिका पर निर्णय होगा।उद्योगों को झटका : 1 रुपए यूनिट छूट का लाभ नहीं!
ऐसी वृहद औद्योगिक इकाइयां, जिनका लोड फैक्टर 50% से ज्यादा रहता है, उन्हें अभी एनर्जी चार्ज में 1 रुपए प्रति यूनिट की छूट दी जा रही है। इस रिबेट को खत्म करना प्रस्तावित किया गया है। हालांकि, सामान्य मामलों में एनर्जी चार्ज 7.30 रुपए से घटाकर 6.50 रुपए किया जाएगा।राजस्थान में 8 साल बाद 4 गुना बढ़ी पानी की दरें, अधिसूचना जारी
बिजली कंपनियों का दावा…
1- पहली बार सभी श्रेणियों में विद्युत शुल्क कम करने का प्रस्ताव 2- प्रदेश में घरेलू श्रेणी के करीब 1 करोड़ 35 लाख उपभोक्ता हैं। इनमें से 1 करोड़ 4 लाख घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को राज्य सरकार सब्सिडी दे रही है।(डिस्कॉम्स ने देर रात मीडिया में टैरिफ याचिका के कुछ बिंदुओं के जरिए अपना पक्ष रखा।
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सुबह शाम महंगी व दोपहर में सस्ती बिजली
- सुबह 6 से 8 बजे – 5 प्रतिशत सरचार्ज
- दोपहर 12 से शाम 4 बजे – 10 प्रतिशत छूट
- शाम 6 से रात 10 बजे – 10 प्रतिशत सरचार्ज
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स्लैब कम कर रहे… विद्युत शुल्क घटाकर फिक्स चार्ज बढ़ा रहे
1- 50 से 150 यूनिट की तीन अलग अलग स्लैब को एक करेंगे। इस कैटेगिरी में तीन अलग अलग टैरिफ के बजाय 6 रुपए प्रति यूनिट की दर का प्रस्ताव। हालांकि इसमें फिक्स चार्ज को अधिकतम 250 रुपए से घटकर 150 रुपए प्रति माह करना प्रस्तावित।2- 150 से 300 यूनिट की स्लेब में टैरिफ 7.35 रुपए से घटाकर 7 रुपए पटरी यूनिट करना है।
3- तीसरी केटेगिरी में चार के बजाय सिर्फ दो ही स्लेब होंगे। इसमें 150 यूनिट तक 6 रुपए और 150 से 500 यूनिट तक 7 रुपए प्रति यूनिट। इस केटेगिरी के फिक्स चार्ज को 400 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए प्रति माह करने का प्रस्ताव।
4- 500 यूनिट से अधिक उपभोग वाले चौथी केटेगिरी में 150 यूनिट तक 6 रुपए और 150 से 500 यूनिट तक 7 रुपए प्रति यूनिट और 500 यूनिट से अधिक की बिजली पर 7.50 रुपए प्रति यूनिट होगा। इसमें फिक्स चार्ज को 450 रुपए से बढ़ाकर 800 रुपए प्रति माह करना।
5- इसी तर्ज पर कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल टैरिफ को लेकर भी अलग अलग प्रस्ताव है।