राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अंग्रेजी मीडियम शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए थे। उन्होंने लिखा, “हमारी सरकार ने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए ताकि समाज के हर वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी में अच्छी शिक्षा मिल सके। परंतु अब नई सरकार इन स्कूलों को बंद करने का इरादा रखती है, जिससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।”
गहलोत ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने भाजपा शासनकाल में खोले गए विवेकानंद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद नहीं किया था, बल्कि उनके इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टाफ को और बेहतर बनाने के लिए फंड उपलब्ध करवाया था।
उन्होंने कहा कि इससे पहले वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में केवल जिला मुख्यालयों पर विवेकानंद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए थे। उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद इन स्कूलों को बंद नहीं किया, बल्कि उनके इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टाफ की गुणवत्ता सुधारने के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध कराया। साथ ही, इंग्लिश मीडियम शिक्षा को और बढ़ावा देने के लिए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल भी शुरू किए गए।
गहलोत ने आगे लिखा कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के तहत जयपुर के मानसरोवर स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल पहुंचे थे। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उस विद्यालय के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर और बच्चों की नॉलेज देखकर मुख्यमंत्री अब अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को बढ़ावा देने का मन बना चुके होंगे।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से इस मुद्दे पर अपनी नीति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों के बंद होने से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित होगा।