माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों व कार्यालयों में स्वीकृत, कार्यरत व रिक्त पदों को लेकर शाला दर्पण पोर्टल पर एक फरवरी को रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। शिक्षा विभाग में 3 लाख 71 हजार 126 स्वीकृत पदों में से 2 लाख 54 हजार 684 पदों पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 1 लाख 16 हजार 442 पद रिक्त पड़े है। वहीं अकेले जोधपुर में 4 हजार 946 रिक्त पदों में 932 पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली पड़े हैं।
राजस्थान स्तर पर भी सबसे चौंकाने वाली स्थिति ऑफिस और स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली पदों को लेकर है। इनके कुल 27 हजार 987 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 22 हजार 729 पद रिक्त हैं। केवल 5 हजार 258 ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे में कई स्कूलों में तो स्थिति यह है कि उच्चाधिकारियों या अतिथियों के आने पर शिक्षकों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के काम करने पड़ते हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालयों में तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद ही नहीं होने से शिक्षकों को उच्चाधिकारियों या अतिथियों को पानी तक पिलाना पड़ता है।
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प्रभावित हो रहा काम-काज
प्रदेश के 72 हजार स्कूलों में एक ओर कर्मचारियों की कमी के कारण लगातार नामांकन घट रहा है। वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में नए पद नहीं बढ़ाने व प्रमोशन से ही शिक्षक-कर्मचारियों को अपग्रेड करने से निचले स्तर पर कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही है। ऐसे में पद खाली होने से विभाग के कार्यालयों व विद्यालयों में कई काम प्रभावित भी हो रहे हैं।
शिक्षा विभाग में पदोन्नति से शिक्षक-कर्मचारियों को अपग्रेड करने का काम चल रहा है। इसके बाद रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी जल्द होने की उमीद है।