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जयपुर

राजस्थान का यह कीमती काला पत्थर है विवाद की जड़, जांच में खुलेंगी परतें

Rajasthan Mining Business : भीलवाड़ा के रघुनाथपुरा की तीन खानें अचानक चर्चा में आ गईं। ये वर्षों से कीमती काला ग्रेनाइट उगल रही थीं। पत्रिका ने मामले की पड़ताल की तो साझेदारी की कई परतें उखड़ती चली गईं। खान का मालिक और हिस्सेदार कौन है? यह तो जांच में पता चल जाएगा।

जयपुरFeb 09, 2025 / 07:14 am

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Precious Black Stone granite is Root of Controversy Layers will be Revealed in Investigation
देवेंद्र शर्मा ‘शास्त्री’

Rajasthan Mining Business : राजस्थान के खनन कारोबार में नेता, अफसर और अपराधियों की जुगलबंदी एक बार नहीं कई बार सामने आ चुकी है। उच्च न्यायालय की ओर से जांच सीबीआइ को सौंपे जाने के बाद भीलवाड़ा के रघुनाथपुरा की तीन खानें अचानक चर्चा में आ गईं। ये वर्षों से कीमती काला ग्रेनाइट उगल रही थीं। पत्रिका ने मामले की पड़ताल की तो साझेदारी की कई परतें उखड़ती चली गईं। खान का मालिक और हिस्सेदार कौन है यह तो जांच में पता चल जाएगा, फिलहाल खान पर रसूखदारों के लठैत नजर रखे हैं। कारोबार की शुरुआत मुंबई कारोबारी और राजसमंद के परमेश्वर जोशी के वर्ष 2009 में साढ़े 13 बीघा जमीन खरीदने से हुई। वर्ष 2011 में ही ब्लैक माउंट प्राइवेट लि. कंपनी का हुआ। इसमें 20 फीसद विजय, 20 फीसद देवीशंकर और 60 फीसद हिस्सेदारी परमेश्वर जोशी की तय हुई। कंपनी के शेयर बंटवारे के बाद कंपनी के नाम अलग-अलग लीज नंबर 66, 67 और 68 का आवंटन किया गया।

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हर दिन निकल रहा था पांच लाख का पत्थर

हर दिन तीनों खानों से करीब पांच लाख रुपए का ग्रेनाइट काला पत्थर निकल रहा था, जो बाजार में बिक भी रहा था। ऐसे में एक हिस्सेदार के मन में खोट आ गई और दोनों पक्षों में विवाद होने पर पुलिस के एक अधिकारी ने मदद का झांसा देकर अपने एक मातहत को कारोबार में घुसा दिया।

पीड़ित काटता रहा चक्कर

खान से 17 जून 2022 से करोड़ों रुपए के उपकरण खोलकर ले जाना शुरू हुआ। परमेश्वर ने उसी दिन थानाधिकारी करेड़ा को सूचना दी। एसपी और रेंज आइजी को भी अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। आरोप है कि 38 ट्रोलों में खान के उपकरण ले जाए गए। ऐसे में पीड़ित ने राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने एक अगस्त 2023 को संबंधित पुलिस थाने में मामला दर्ज करने के आदेश दिए। उच्च न्यायालय के आदेश के थाना करेड़ा में मामला दर्ज किया गया।
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रेंट नोट को आधार बनाकर लगा दी एफआर

मामले में पुलिस ने एक रेंट नोट के आधार पर एफआर लगा दी है। परमेश्वर का कहना है कि पुलिस का यह रेंट नोट फर्जी है। एफएसएल जांच में यह साबित भी हो चुका है। मामला दर्ज होने के चार दिन बाद ही किसी नेता के कार्यकर्ता धन्नालाल साल्वी से परमेश्वर के खिलाफ थाना सुभाष नगर में एससी,एसटी का मामला दर्ज कराया गया।

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