मोपेड़ के नंबर भी लग्जरी कारों में किए गए ट्रासंफर
जोधपुर, नागौर से फर्जी दस्तावेज तैयार किए और सलूंबर आरटीओ ऑफिस में फर्जी तरीके से इन नंबरों को दूसरे वाहनों में रिटेंशन कर दिया गया। फर्जीवाड़ा भी ऐसा कि 40 साल पुराने मोपेड़ के नंबर भी लग्जरी कारों में ट्रासंफर कर दिए गए।फ्री बिजली स्कीम में नया अपडेट, राजस्थान के इन घरेलू उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगा फायदा, संशय बरकरार
गैंग अपने वाहनों में ट्रांसफर कराती विंटेज नंबर
फर्जीवाड़े में जिन नंबरों को वाहनों में ट्रांसफर कराया गया वे सब गैंग के ही वाहन हैं। इसके बाद नए लग्जरी कार, जीप और अन्य वाहनों में इन नंबरों को आरटीओ कार्यालयों में सांठगांठ कर रिटेंशन करवा दिया गया।राजस्थान के इन 3 शहरों में बनेगी रिंग रोड, अप्रेल में होंगे डीपीआर के आदेश, नितिन गड़करी से मिलीं दिया कुमारी
ऐसे दिया फर्जीवाड़े को अंजाम
40 साल पुराने जिन वाहनों को फिर से रिन्यू नहीं कराया, उनके रिकॉर्ड निकलवा और वाहन मालिक और वाहन की जानकारी जुटाई। वाहन कबाड़ हो गया तो उसके नंबर को जयपुर आरटीओ में बैकलॉग किया। यह प्रक्रिया साफ्टवेयर में होती है। पुराने नंबरों को अपने वाहनों के नाम ट्रांसफर कराया। इसके बाद पुराने रिकॉर्ड को गायब कर दिया, ताकि इसका खुलासा न हो सके।राजस्थान में जल्द शुरू होगी ‘सहकारी कैब’, थमेगी ओला, उबर, रेपिडो की मनमानी, जानें कैसे
1 ही दिन में सैकड़ों वाहन ऑनलाइन
दरअसल, तीन डिजिट की सीरीज बंद है, इन्हें रिन्यू कराने के लिए आरटीओ से मंजूरी लेनी होती है व अपील करने के बाद प्रक्रिया शुरू होती है। इसके अधिकार आरटीओ, डीटीओ के पास होते हैं। लेकिन गैंग ने प्रोग्रामर से मिलकर ऑनलाइन अधिकार बाबू को दिलवा दिए। बाबू ने एक ही दिन में 78 वाहनों के नंबरों को ऑनलाइन कर दिया। आरटीओ ने रिकॉर्ड देखा तो शक हुआ।खाद्य सुरक्षा योजना पर नया अपडेट, डिपो से गेहूं उठाव की समय सीमा बढ़ाई
बाबू और प्रोग्रामर को कर दिया निलंबित
पूरे मामले की जांच चल रही है। डेढ़ साल से यह खेल चल रहा है, जिसका खुलासा हुआ है। बाबू और प्रोग्रामर को निलंबित कर दिया है। जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा।राजेन्द्र सिंह शेखावत, आरटीओ प्रथम