बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बाघिन एरोहैड टी-84 की बेटी का मूवमेंट जंगल से बाहर नजर आ रहा था। लगातार यह त्रिनेत्र गणेश मार्ग सहित रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से सटे क्षेत्रों में भी बाहर निकलकर आ रही थी। हाल ही हुई त्रिनेत्र गणेश मार्ग पर बच्चे पर हमला सहित जोगी महल के पास रेंजर पर हमले को लेकर भी इसी बाघिन का अंदेशा जताया जा रहा है। ऐसे में विभाग ने इस बाघिन को जंगल में नहीं छोड़कर अपनी देखरेख में रखा है।
—— सुबह 6 बजे से खेतों में था बाघिन का मूवमेंट स्थानीय निवासी जितेंद्र सैनी ने बताया कि बाघिन सुबह करीब 6 बजे सवाईमाधोपुर के कुतलपुरा मालियान गांव में आ गई थी। बाघिन जंगल से निकलकर गांव के आबादी वाले इलाके में आ गई, जिससे यहां डर का माहौल बन गया। बाघिन यहां आबादी वाले इलाके से बाजरे के खेत में जा पहुंची और इसी इलाके में चहलकदमी करने लगी। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना पर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान हो-हल्ला की आवाज सुनकर एक बार तो बाघिन बाजरे के खेत में फसल के बीच जा दुबकी। बाद में रणथम्भौर की एक होटल में जा घुसी। इस दौरान उपवन संरक्षक रामानंद भाकर के निर्देशन में वनविभाग के रेस्क्यू टीम के सदस्य जसकरण मीणा सहित वन विभाग की टीम ने बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया गया।
——– इनका कहना है… रणथम्भौर के जंगल से निकलकर बाघिन एरोहैड की मादा शावक खेतों और होटल की ओर आ गई थी। वनविभाग ने आबादी के बीच में रेस्क्यू करते हुए इसे फिलहाल भिड़ के एनक्लोजर में रखा है। हाल की हमले की घटनाओं को देखते हुए अभी इसे लेकर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है।