कार्यक्रम संयोजक श्वेता शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत काकड़ यात्रा व मंगल स्नान के साथ हुई। इस बीच दोपहर में भजन संध्या का आयोजन हुआ। हाथी, घोड़े, ऊंट और शाही लवाजमे के साथ झूले पर विराजमान कर साईं बाबा को नगर भ्रमण कराया गया। महोत्सव के दौरान जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। आयोजक संजीव शर्मा ने बताया कि पूरे मंदिर प्रांगण को फूलों से सजाया गया है। पालकी यात्रा बापू नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः साईं मंदिर पहुंची और देर रात को शेज आरती हुई। इससे पहले सुबह साईं बाबा मंगल स्रान के बाद काकड़ आरती की गई। इसके बाद सामूहिक हवन शुरू हुआ। भक्तों ने यज्ञ में आहुतियां अर्पित की। भजन संध्या का आयोजन हुआ। प्रज्ञा शर्मा, अजय दीक्षित, पारूल शर्मा, सुधा अवस्थी, पूजा, अक्षत, शर्मा, अनुज जैन, रविन्द्र शर्मा, अरुण, पंकज शर्मा, प्रमोद शर्मा, रामसिंह,शैतान और अभष शुक्ला ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया।
संजीव शर्मा ने बताया कि महोत्सव के दौरान विशेष पूजा के बाद बाबा को 56 भोग अर्पित किए गए। मध्यान्ह आरती के बाद भंडारा प्रसादी शुरू हुआ। जिसमें हजारों की संख्या में भक्त पंगत में बैठकर प्रसादी पाई। इस बीच साई भक्ति संध्या का आयोजन भी हुआ। विधायक कालीचरण सराफ, गोपाल शर्मा, नगर निगम हेरिटेज महापौर कुसुम यादव, उप महापौर पुनीत कर्णावत, धर्मेंद्र कुमार सहित अन्य लोग शामिल हुए।
इसलिए है खास
वर्ष 2006 में मकराना मार्बल से 5.25 फीट की प्रतिमा तैयार करवाई गई। समय के साथ मंदिर में कई कार्य आपसी सहभागिता से करवाए गए। इसके बाद बाबा का 22 किलो वजनी चांदी का सिंहासन तैयार करवाया गया। इसके बाद चांदी की पादुका, सुराही और दंड तैयार करवाया गया। इस बार कार्यक्रम के तहत साईं बाबा पालकी झूले में दर्शन देंगे। विशेष सजावट शृंगार के लिए मुकुट पर रूबी का स्टोन लगवाया गया है। दो दिन में 15 बार पोशाक बदली गई। भक्तों ने पोशाक के लिए एडवांस बुकिंग भी करवाई है। इसके साथ ही सबसे खास पोशाक वेलवेट और जरदोजी पर गोटा पत्ती का काम करवाया है।