इसके अलावा, 6,000 श्रद्धालुओं को हवाई मार्ग से नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन कराए जाएंगे। यह योजना पिछले वर्ष की तुलना में 20,000 अधिक यात्रियों को लाभान्वित करेगी, जो बुजुर्गों के सम्मान और उनकी सुविधा को प्राथमिकता देने का प्रतीक है।
CM भजनलाल ने दिखाई हरी झंडी
बता दें, शुक्रवार शाम 4 बजे जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से ‘राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ रामेश्वरम के लिए रवाना हुई। इस पहली AC तीर्थयात्रा ट्रेन में 779 वरिष्ठ नागरिक सवार हैं, जिनमें जयपुर के 600 और सवाईमाधोपुर के 179 यात्री शामिल हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कोच में जाकर यात्रियों को शुभकामनाएं दीं। रवाना होने से पहले स्टेशन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां यात्रियों को तुलसी माला और पटवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया। अयोध्या के रामलला की झांकी और प्रतीकात्मक कांवड़ मॉडल ने समारोह में आध्यात्मिक रंग भरा।
रामेश्वरम से मीनाक्षी मंदिर तक की यात्रा
यह आठ दिवसीय यात्रा अब तक की सबसे लंबी तीर्थयात्रा है। यात्री रामेश्वरम के रामनाथस्वामी ज्योतिर्लिंग, धनुषकोड़ी, ब्रह्मकुंड और मदुरै के मीनाक्षी मंदिर के दर्शन करेंगे। ट्रेन सवाईमाधोपुर होकर जाएगी। देवस्थान विभाग ने यात्रियों के ठहरने, भोजन, दर्शन और चिकित्सा सुविधाओं का पूरा इंतजाम किया है। प्रत्येक कोच में दो कर्मचारी, एक डॉक्टर और दो नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहेंगे। पहली बार मोबाइल ऐप आधारित लोकेशन शेयरिंग सिस्टम भी शुरू किया गया है।
‘बेटा-बेटी की तरह साथ’
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार पहली बार AC ट्रेन से तीर्थयात्रा करवा रही है, ताकि बुजुर्गों को बेहतर सुविधा मिले। उन्होंने कहा, “हम इन यात्रियों को परिवार का हिस्सा मानकर सेवा कर रहे हैं। हमारे प्रतिनिधि बेटा-बेटी की तरह उनकी हर जरूरत का ख्याल रखेंगे।” ट्रेन में ऑडियो सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे यात्री भजन सुनकर तनावमुक्त रह सकें। शर्मा ने उम्मीद जताई कि ये यात्री अपने अनुभवों से सनातन संस्कृति को और मजबूती देंगे।
50,000 वरिष्ठ नागरिकों को अवसर
देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि बजट घोषणा के तहत इस वर्ष 50,000 वरिष्ठ नागरिकों को अयोध्या, द्वारका, उज्जैन, तिरुपति जैसे तीर्थस्थलों की यात्रा करवाई जाएगी। रामेश्वरम यात्रा इस योजना की शुरुआत है। यह पहल न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देगी, बल्कि बुजुर्गों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को भी दर्शाएगी।