भर्ती परीक्षा के तीनों दिनों के पेपरलीक हुए
न्यायाधीश समीर जैन ने कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की याचिका पर बुधवार को यह आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर आरपी सिंह एवं अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने कोर्ट को बताया कि भर्ती परीक्षा के तीनों दिनों के पेपरलीक हुए। एसओजी जांच से स्पष्ट है कि पेपर कई गिरोहों तक पहुंचा और
आरपीएससी के सदस्य पेपरलीक करने में शामिल थे। कई जगह निजी स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बनाया और निजी वीक्षक नियुक्त किए। पकड़े गए कई अभ्यर्थियों के परिजनों का आपराधिक रिकॉर्ड है। राज्य सरकार जिस भर्ती को चाहती है रद्द कर देती है और जिसे नहीं चाहती, रद्द नहीं करती। कुछ माह पहले ईओ-आरओ भर्ती रद्द की गई।
इतने समय किस बात का इंतजार कर रहे थे…
अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि सितम्बर 2021 में परीक्षा हुई। याचिकाकर्ता तीनों दिन का पेपरलीक होने और 11 एफआइआर दर्ज होने की बात कह रहे हैं, लेकिन याचिका वर्ष 2024 में दायर की गई। इतने समय किस बात का इंतजार कर रहे थे।
अतिरिक्त महाधिवक्ता का आरोप, तथ्य छिपाकर की गई याचिका दायर
शाह ने आरोप लगाया कि तथ्य छिपाकर याचिका दायर की गई। कई याचिकाकर्ता साक्षात्कार तक पहुंचे और मैरिट से बाहर होने पर हाईकोर्ट आ गए। कई याचिकाकर्ताओं के न्यूनतम अंक भी नहीं आए। एक याचिकाकर्ता एसओजी में कांस्टेबल है, लेकिन इनकी जानकारी नहीं दी गई। शाह ने दोहराया कि जांच जारी है, जल्दबाजी में भर्ती रद्द करने का निर्णय नहीं लिया जा सकता।