World Cancer Day: कैंसर से हर 8 मिनट में एक व्यक्ति की हो जाती है मौत, जानें कोटा संभाग में कितने नए रोगी बढ़े
हर महीने पांच से सात केस
न्यूरोलॉजी विभाग के अनुसार, हर महीने जीबीएस के औसतन पांच से सात मामले आते हैं, जो मौजूदा समय में भी सामान्य दर पर ही हैं। अधिकतर प्रभावित मरीजों की उम्र 22 से 55 वर्ष के बीच है, हालांकि कुछ बच्चों में भी इसके लक्षण देखे गए हैं, जिनका इलाज जेके लोन अस्पताल में किया जा रहा है। जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक कैलाश मीणा ने बताया कि स्थिति सामान्य है, घबराने की जरूरत नहीं है।जीबीएस के लक्षण
शरीर में सुन्नता और झुनझुनी मांसपेशियों में दर्द या थकान सांस लेने में कठिनाई (गंभीर मामलों में)
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चेहरे के हावभाव में बदलाव, चलने-फिरने में दिक्कत खाने और बोलने में परेशानीक्या है गुलियनबैरी सिंड्रोम
एसएमएस अस्पताल की न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. भावना शर्मा के अनुसार, जीबीएस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही तंत्रिकाओं पर हमला करने लगती है, जिससे मांसपेशियों की कमजोरी और लकवा जैसी स्थिति हो सकती है। इस बीमारी का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन माना जाता है कि यह वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद विकसित होती है। यदि किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए, क्योंकि देरी नुकसानदायक हो सकती है।