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जयपुर

राजस्थान के इन शहरों से छिना नगर परिषद का दर्जा, स्वायत्त शासन विभाग ने जारी की अधिसूचना

राजस्थान सरकार ने चार नगर परिषद का दर्जा वापस लेकर उन्हें फिर से नगर पालिका बना दिया है। इनमें केकड़ी, सांचौर, नीमकाथाना और शाहपुरा (भीलवाड़ा) शामिल हैं। स्वायत्त शासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

जयपुरJul 10, 2025 / 10:14 am

Arvind Rao

Department of Autonomous Government

स्वायत्त शासन विभाग (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: राजस्थान सरकार ने केकड़ी, सांचौर, नीमकाथाना और शाहपुरा (भीलवाड़ा) का नगर परिषद (नगर पालिका परिषद) का दर्जा वापस लेकर इन्हें फिर से नगर पालिका बना दिया है। स्वायत्त शासन विभाग ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है।
दरअसल, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इन चारों शहरों को नया जिला घोषित किया था। उसी के आधार पर इन शहरी निकायों को अपग्रेड करके नगर परिषद का दर्जा दिया गया था। नगर परिषद का दर्जा मिलने से इन निकायों को ज्यादा बजट और प्रशासनिक सुविधाएं मिलती हैं, साथ ही विकास कार्यों की योजनाओं पर भी ज्यादा फोकस रहता है।

लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद इन चारों शहरों को जिला बनाने की प्रक्रिया को अमान्य कर दिया। सरकार ने साफ कर दिया कि ये नए जिले मान्य नहीं हैं। ऐसे में अब ये जिले के मुख्यालय नहीं माने जा रहे।


कोई शहर जिला मुख्यालय नहीं


स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नगर परिषद का दर्जा उन शहरी निकायों को दिया जाता है जो जिले के मुख्यालय होते हैं या जिनकी जनसंख्या, आय और सामाजिक-आर्थिक संरचना तय मापदंडों को पूरा करती है। अगर कोई शहर जिला मुख्यालय नहीं है और बाकी मानदंड भी पर्याप्त नहीं हैं, तो उसे नगर परिषद नहीं रखा जा सकता।


बजट और प्रशासनिक दायरा सीमित होगा


सरकार के इस फैसले के बाद अब इन चारों शहरों के शहरी निकाय पहले की तरह नगर पालिका के रूप में काम करेंगे। इसका मतलब है कि इनका बजट और प्रशासनिक दायरा थोड़ा सीमित होगा। नगर पालिकाओं को विकास योजनाओं और संसाधनों में नगर परिषदों की तुलना में कुछ कम प्राथमिकता मिलती है।


सरकार का क्या है तर्क


सरकार का तर्क है कि यह बदलाव पूरी तरह से प्रशासनिक नियमों के अनुरूप है। हालांकि, विपक्ष ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और इसे राजनीतिक निर्णय बताया है। स्थानीय लोगों में भी इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कई लोग मानते हैं कि इससे उनके शहर के विकास की रफ्तार पर असर पड़ सकता है।

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