scriptलोकतंत्र अब ‘ठोकतंत्र’ में बदल चुका है, दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर का JLF में बड़ा बयान, बोले- असहमति को दबाया जाता है | Veteran actor Amol Palekar big statement in Jaipur Literature Festival on Democracy | Patrika News
जयपुर

लोकतंत्र अब ‘ठोकतंत्र’ में बदल चुका है, दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर का JLF में बड़ा बयान, बोले- असहमति को दबाया जाता है

दिग्गज अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 में मौजूदा राजनीतिक माहौल, सिनेमा और थिएटर पर बेबाक अपनी राय रखी।

जयपुरFeb 02, 2025 / 02:46 pm

Lokendra Sainger

amol palekar

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में अभिनेता अमोल पालेकर

Jaipur Literature Festival 2025: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 में पहुंचे दिग्गज अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर ने मौजूदा राजनीतिक माहौल, सिनेमा और थिएटर पर बेबाक अपनी राय रखी। उन्होंने समाज, राजनीति और सिनेमा से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर बात की। अमोल पालेकर ने कहा कि आज के दौर में यदि सरकार या नेताओं की आलोचना करो तो देशद्रोही करार दे दिया जाता है। उनका मानना है कि लोकतंत्र अब ‘ठोकतंत्र’ में तब्दील हो चुका है, जहां असहमति को दबाने की प्रवृत्ति बढ़ गई है।

‘राजनीति में कभी नहीं आऊंगा’

अमोल पालेकर ने राजनीति को लेकर कहा कि वे राजनीति में कभी नहीं आएंगे, क्योंकि वह अपनी आलोचना करने के अधिकार को बरकरार रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज कोई भी अच्छा नेता नहीं है। आज वे एक पार्टी में होते हैं, कल दूसरी में। उन्हें यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि राजनीति उनके लिए जनसेवा नहीं, बल्कि एक प्रोफेशन है।

बी. आर. चोपड़ा से कानूनी लड़ाई का खुलासा

अमोल पालेकर ने बताया कि उन्हें बी. आर. चोपड़ा के साथ 40,000 रुपये की फीस पर काम करने का मौका मिला था, लेकिन कंपनी ने यह पैसा देने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने अपने हक की मांग की, तो उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से बाहर निकालने की धमकी दी गई। इसके बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कोर्ट में केस दायर किया, जिसमें फैसला उनके पक्ष में आया। दिलचस्प बात यह है कि फीस मिलने के बाद उन्होंने पूरी रकम चैरिटी में दान कर दी।

बताया थिएटर और फिल्मों में अंतर

अमोल पालेकर ने थिएटर और फिल्मों के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा कि थिएटर में कलाकार को बार-बार रिहर्सल करनी पड़ती है, जिससे वह किरदार को पूरी तरह जीने लगता है, जबकि फिल्मों में यह प्रक्रिया अलग होती है। उन्होंने कहा कि शायद यही कारण है कि मुझे मेरी किसी भी फिल्म का एक भी डायलॉग याद नहीं है।

जब स्मिता पाटिल को पड़ा जोरदार थप्पड़

अमोल पालेकर ने एक दिलचस्प घटना साझा की, जिसमें निर्देशक ने उन्हें अभिनेत्री स्मिता पाटिल को थप्पड़ मारने का निर्देश दिया। अमोल पालेकर ने रिहर्सल की मांग की, लेकिन निर्देशक ने सीधे शूटिंग करने को कहा। इस दौरान अमोल पालेकर ने जोरदार थप्पड़ मार दिया, जिससे स्मिता पाटिल के चेहरे के भाव भी बदल गए। बाद में, उन्होंने स्मिता पाटिल से माफी मांगी और दोनों गले लगकर रो पड़े। इस घटना के बाद उन्होंने कसम खाई कि वह कभी किसी महिला पर हाथ नहीं उठाएंगे, न ही तेज आवाज में बात करेंगे।

बेटियों को फिल्मी दुनिया से दूर रखा

अमोल पालेकर ने अपने परिवार को फिल्म इंडस्ट्री से दूर रखा। उनकी एक बेटी ऑस्ट्रेलिया में इंग्लिश प्रोफेसर हैं, जबकि दूसरी स्विट्जरलैंड में स्पोर्ट्स लॉयर हैं। उन्होंने कहा कि स्टारडम के लिए कभी समझौता नहीं किया और अपनी निजता को बनाए रखा।

आज की फिल्मों और ओटीटी पर राय

अमोल पालेकर ने कहा कि आज भी आयुष्मान खुराना जैसे अभिनेता कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, मध्यम वर्ग की भावनाओं को दर्शाने वाली फिल्में अब बहुत कम बनती हैं। उन्होंने कहा कि अब मिडिल क्लास वैसा नहीं रहा, वह अपनी गाड़ी और फ्लैट रखने वाला हो गया है। हालांकि, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अब भी कुछ अच्छी कहानियां देखने को मिलती हैं।

Hindi News / Jaipur / लोकतंत्र अब ‘ठोकतंत्र’ में बदल चुका है, दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर का JLF में बड़ा बयान, बोले- असहमति को दबाया जाता है

ट्रेंडिंग वीडियो