जानिये .. अपराधी यूं कर रहे फुटेज लीक
-सार्वजनिक स्थलों के कैमरों को हैक कर वीडियो चोरी। -ट्रायल रूम, सैलून, बाथरूम और अन्य निजी स्थानों में गुप्त कैमरों से रिकॉर्डिंग।
-कुछ अपराधिक तत्व छिपकर वीडियो बनाते हैं और इन्हें ऑनलाइन बेचकर मोटी कमाई करते हैं।
चिंताजनक : ब्लैकमेलिंग के लिए गलत इस्तेमाल
-सूत्रों की मानें तो सोशल मीडिया पर बने चैनलों पर कई वीडियो 2 हजार से 10,000 तक बेचे जा रहे हैं।
-कई मामलों में ब्लैकमेलिंग के लिए इनका गलत इस्तेमाल किया जाता है। -लीक हुए वीडियो से मानसिक तनाव, सामाजिक बदनामी और आर्थिक नुकसान का खतरा बढ़ जाता है।
एक्सपर्ट व्यू: सतर्कता बरतेंगे तो साइबर अपराधी नहीं होंगे कामयाब
जैसलमेर वृत्ताधिकारी रुपसिंह ईंदा का कहना है साइबर खतरे से अलर्ट रहने की जरूरत है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न करें और अपनी निजी सुरक्षा के लिए सतर्क रहें। समय रहते सावधानी बरतें, ताकि आप और आपका परिवार साइबर अपराधियों के जाल से बच सकें। उनके अनुसार सीसीटीवी कैमरों का पासवर्ड नियमित रूप से बदलें और केवल अधिकृत लोगों को ही एक्सेस दें। किसी भी निजी स्थान पर कैमरों की मौजूदगी की जांच करें। इसके अलावा अनजान एप्स को कैमरा और माइक्रोफोन एक्सेस न दें।कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करें।