देश से जुड़ी गोपनीय जानकारी पड़ोसी मुल्क तक पहुंचाने वाले लोगों को लालच का नेटवर्क जोड़ता है। आइएसआइ सामान्य जानकारियों के बदले भारी धनराशि देने का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसा लेती है। हाल ही में कई मामलों में पाकिस्तान से आए संदिग्ध कॉल का खुलासा हुआ है, जिनमें लॉटरी जीतने या किसी अन्य बहाने से लोगों को फंसाने की कोशिश की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अनजान कॉल जानकारी निकालने या आर्थिक ठगी के लिए किए जाते हैं।
हकीकत : निगरानी बनी चुनौती, नई चौकियों की दरकार
सरहदी इलाके और उपनिवेशन तहसीलों में निगरानी रखना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। जैसलमेर जिले का विस्तृत क्षेत्रफल और सीमित पुलिस संसाधन इसे और मुश्किल बना रहे हैं। पुलिस तंत्र अपेक्षाकृत छोटा होने और नफरी की कमी के कारण पर्याप्त निगरानी नहीं हो पा रही है। लंबे समय से नई पुलिस चौकियां स्थापित करने की मांग उठ रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
….इसलिए जैसलमेर पर गिद्ध नजरें
-पाकिस्तान से सटा सरहदी जिला, जहां से सूचना लीक करने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।
-जैसलमेर वीवीआइपी और पर्यटकों की पसंदीदा जगह है, जहां हर साल लाखों सैलानी आते हैं। -पोकरण व किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में नियमित सैन्य अभ्यास होते रहते हैं।
-मिसाइल और युद्धक हथियारों के परीक्षण के लिए यह अनुकूल क्षेत्र है।
पत्रिका व्यू: सुरक्षा व्यवस्था में ये सुधार जरूरी
-सुरक्षा एजेंसियों, बीएसएफ और पुलिस के तालमेल को और मजबूत किया जाए। -सरहदी थाना क्षेत्रों में बीट प्रणाली और रात्रि गश्त को अधिक प्रभावी बनाया जाए। -उपनिवेशन तहसीलों में बसी चक आबादियों में समय-समय पर सत्यापन अभियान चलाया जाए। -सरहदी जिले की सुरक्षा में किसी भी तरह की ढिलाई गंभीर परिणाम दे सकती है।
-ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बढ़ाने और निगरानी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।