बारिश के कारण रेलवे स्टेशन के पास की मुख्य सड़क जलमग्न हो गई। धर्मशालाओं, होटलों और आसपास के मकानों में पानी भर गया, जिससे लोगों को आवागमन में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। यात्रियों को अपने ठहराव स्थलों तक पहुंचने में मुश्किलें आईं और बारिश के पानी में पैदल चलना भी चुनौतीपूर्ण हो गया। गौरतलब है कि रामदेवरा में अगस्त में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध बाबा रामदेव मेले को लेकर लाखों श्रद्धालुओं का आगमन जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगा, लेकिन अभी तक बरसाती पानी की निकासी को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। बारिश की स्थिति में धर्मनगरी की गलियों और सड़कों पर सुरक्षित आवागमन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता भवानीसिंह तंवर ने बताया कि अंडर पास- 85 में बरसात का पानी भरने से ग्रामीणों और यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। अहमदाबाद से आए यात्री आनंद भाई ने कहा कि रेलवे स्टेशन के पास की सड़क डूबने से पैदल चलना मुश्किल हो गया और प्रशासन को निकासी को लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए। दावा तो हर साल बेहतर व्यवस्थाओं का होता है, लेकिन हकीकत हर बार की तरह इस बार भी सामने है—जहां एक भी गली या मुख्य सड़क पर निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। अब जब डेढ़ माह बाद विशाल मेला लगने जा रहा है, तब यह लचर व्यवस्था लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।