भीनमाल। सुंधामाता व जाविया के खोड़ेश्वर महादेव मंदिर की पहाड़ी क्षेत्र से निकलने वाली सागी व खारी नदी के कारण अतिवृष्टि में नदी के उफान से बाढ़ के हालात व खेतों में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से किरवाला से पूनासा तक करीब 12.5 किलोमीटर तक नदी के दोनों ओर सुरक्षा पाल व पिचिंग करवाई गई थी।
इस सुरक्षा पाल में कुछ जगह पर पानी के भराव व पाल पर भारी वाहनों की आवाजाही के कारण बारिश के दौरान पाल पर कटाव हो गया। जिससे ग्रामीणों को अतिवृष्टि के दौरान फिर से बाढ़ के हालात होने की आशंका जता रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पाल पर मिट्टी का कटाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जिससे नदी में अधिक बहाव पर फिर से पानी किसानों के खेत—खलियानों का रूख कर सकता है।
12.5 किलोमीटर तक हुआ पाल व पिचिंग का कार्य
जल संसाधन विभाग की ओर से कीरवाला-पूनासा तक करीब 12.5 किलोमीटर तक नदी के दोनों ओर सुरक्षा पाल बनाकर इसकी पिचिंग करवाई गई थी। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस कार्य के लिए 10 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई, जिसमें करीब 7 करोड़ की राशि खर्च हुई। अधिकारियों का कहना है कि कार्य आदेश में नदी में पानी के प्रवाह को धीमा करने के लिए गेबियन स्ट्रक्चर लगना था, लेकिन नदी के बहाव में कंटिली झाडियां अधिक होने से यह नहीं हो पाया।
2015 व 2017 में हुआ था कटाव
सागी व खारी नदी में 2015 व 2017 में अतिवृष्टि के कारण दर्जनभर गांवों में बाढ के हालात बने थे। नदी ने बहाव क्षेत्र बदल लिया और पानी गांव व खेत—खलियानों की तरफ चला गया। जिससे सैकड़ो किसानों के खेतों में मिट्टी का कटाव हो गया। ढलान क्षेत्र होने से नदी में पानी का वेग अधिक होने से तट के दोनों ओर तेजी से मिट्टी का कटाव होता है। क्षेत्र के कीरवाला, सांवलावास, नोहरा, दांतीवास, डूंगरवा, वियो को गोलिया, पूनासा व फागोतरा गांव में अतिवृष्टि के दौरान बाढ़ के हालात बने थे। इसके बाद 2018 में जल संसाधन विभाग ने सर्वे करवा कर नदी के बहाव क्षेत्र में दोनों तटों पर सुरक्षा पाल व पिचिंग का कार्य करवाया।
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सुरक्षा पाल पर कटाव
कीरवाला व नोहरा के बीच नदी के तट पर बनी सुरक्षा पाल में मिट्टी का कटाव हो रहा है। जिससे फिर से नदी के पानी का रूख बदल सकता है। पाल पर हुए कटाव सही करवाया जाए।
सुरेशसिंह- ग्रामीण, नोहरा
सुरक्षा पाल को ठीक करवाएंगे
नोहरा के पास सागी नदी के तट पर बनी सुरक्षा पाल पर दुपहिया व वाहनों की आवाजाही होती है। जिससे कुछ जगह पर पानी का भराव होने के बाद मिट्टी का कटाव हो गया। जिसे ठेकेदार को बताकर ठीक करवा देगें।
रेखाराम- कनिष्ठ अभियंता, जलसंसाधन विभाग, भीनमाल
Hindi News / Jalore / जालोर: किरवाला-नोहरा के बीच नदी के किनारे बनी पाल में कटाव, मंडरा रहा खतरा