Jalore News: गोपालन मंत्री पहुंचे जालोर, तुड़वाया कथावाचक अभयदास का अनशन, जानें पूरा मामला
गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत, जिला कलक्टर डॉ. प्रदीप के. गवांडे, पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव अनशन स्थल पर पहुंचे। सहमति के बाद गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने महाराज को पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया।
कथावाचक से वार्ता करते गोपालन मंत्री, कलक्टर व एसपी। फोटो- पत्रिका
राजस्थान में जालोर दुर्ग की सीढ़ियों के पास स्थित बायोसा मंदिर में दर्शन के लिए शुरू किया गया कथावाचक अभयदास महाराज का अनशन प्रशासन के साथ वार्ता के बाद समाप्त हुआ। शुक्रवार को रात्रि व शनिवार को दिनभर पुलिस अलर्ट मोड पर रही। अनशन स्थल के बाहर पूरे दिन बड़ी संख्या में भीड़ जुटी रही।
शुक्रवार रात्रि को व शनिवार सवेरे से ही कथावाचक अभयदास महाराज कालका कॉलोनी स्थित जिस घर की छत पर अनशन कर रहे थे। उसके आगे चौक में लोगों की भीड़ जुटी रही। शहर में शांतिपूर्ण माहौल बना रहे, इसको लेकर सिरे मंदिर पर चातुर्मास कर रहे पीर गंगानाथ महाराज के आदेश से शनिवार सवेरे संत रेवतीनाथ, आनंदनाथ व सांईनाथ अनशन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने अभयदास महाराज से चर्चा कर पैदल ही 50-50 की संख्या में चलकर दर्शन करने को लेकर समझाइश की, लेकिन कथावाचक और इन संतों के बीच बात नहीं बनी तो संत वहां से उतर कर भैरूनाथ अखाड़ा आ गए।
इन मांगों पर बनी सहमति
शुक्रवार रात्रि व शनिवार को दिनभर कथावाचक अभयदास महाराज सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव आते रहे। शनिवार शाम को करीब पौने पांच बजे गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत, जिला कलक्टर डॉ. प्रदीप के. गवांडे, पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव अनशन स्थल पर पहुंचे। करीब एक घंटे की वार्ता के बाद मंदिर दर्शन, किले व अन्य स्थानों पर बनी मजारों की शिकायत के बाद उनकी जांच कर चिह्नीकरण के बाद अवैध पाए जाने पर हटाने व समर्थकों के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर सहमति बनी।
पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया
सहमति के बाद गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने महाराज को पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया। इसके बाद प्रशासन की ओर से लगाई गई बसों से श्रद्धालुओं को लालपोल होते हुए दर्शन के लिए किले की तलहटी होकर बायोसा मंदिर ले जाया गया। कथावाचक अभयदास व गोपालन मंत्री भी बस में ही सवार होकर मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे। यहां मंदिर में उन्होंने आरती की। इसके बाद बस से रवाना हो गए। श्रद्धालु भी प्रशासन की ओर से लगाई गई अलग-अलग बसों से दर्शन के लिए पहुंचे।
भैरूनाथ अखाड़ा ने जताई नाराजगी
सिरे मंदिर पर चातुर्मास कर रहे पीर गंगानाथ महाराज के आदेश से शनिवार सवेरे संत रेवतीनाथ, आनंदनाथ व सांईनाथ महाराज व भैरूनाथ अखाड़ा के व्यवस्थापक पारसमल व अखाड़े से जुड़े लोग अनशन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पीर गंगानाथ महाराज से कथावाचक अभयदास महाराज की बात करवाई गई व जालोर में सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहे इसके लिए अनशन समाप्त कर मंदिर दर्शन करने को कहा, लेकिन उस दौरान वार्ता में कथावाचक के सहमत नहीं होने पर वे सभी भैरूनाथ अखाड़ा लौट गए।
यह वीडियो भी देखें यहां आने के बाद संतों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जालोर में शांतिपूर्ण माहौल बना रहे। इसको लेकर पीर गंगानाथ महाराज के आदेश पर वे कथावाचक से मिलने गए थे, लेकिन कथावाचक ने पीर गंगानाथ महाराज की बात नहीं मानी। उन्होंने कहा कि भैरूनाथ अखाड़ा समेत जालोर का अन्य संत समाज कथावाचक के आपसी सौहार्द बिगाड़ने वाले बयानों के साथ नहीं है।
मुख्य सचेतक ने जारी किया वीडियो
विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने एक वीडियो जारी कर जालोर में माहौल को शांतिपूर्ण बनाने की अपील की थी। उन्होंने बताया कि अगर किसी ने अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया है, तो इसकी लिखित शिकायत प्रशासन को दे। जिससे एक विधिसम्मत प्रक्रिया के तहत प्रशासन कार्रवाई करेगा।
यह था मामला
शहर के शहीद भगतसिंह स्टेडियम में चल रहे चातुर्मास महोत्सव की कथा के बाद जालोर दुर्ग की चढ़ाई पर स्थित बायोसा मंदिर दर्शन के लिए शुक्रवार को कथावाचक अभयदास महाराज महिलाओं के साथ दर्शन के लिए स्वयं रवाना हो गए थे। स्टेडियम के गेट पर एडीएम राजेश मेवाड़ा, एएसपी मोटाराम और पुलिस उप अधीक्षक गौतम जैन ने उनसे समझाइश की। उस दौरान कथावाचक महाराज ने जबरन जाने का प्रयास किया तो पुलिस सख्ती दिखाते हुए उन्हें रोक दिया था।
उस दौरान धक्का-मुक्की से माहौल गर्मा गया था। तो पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया। कथावाचक फिर से पांडाल में आए और पिछली तरफ रोडवेज डिपो साइड के गेट से बाहर निकले, लेकिन पुलिस वहां पर भी मौजूद रही। अंत में कथा वाचक रोडवेज डिपो के पिछली तरफ पहुंचे, जहां पर काफी संख्या में शहरवासी मौजूद मिले।
यहां धक्का-मुक्की और कथावाचक को पकड़ने के प्रयास के दौरान झड़प हुई और पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस स्थिति में कथावाचक को वहां मौजूद लोग और कुछ महिलाएं एक घर में ले गई, जिसके बाद कथावाचक मकान की छत पर पहुंचे। जहां पर कथावाचक ने पुलिस प्रशासन और आयोजकों पर कई सवाल खड़े किए।
तैनात रहा पुलिस जाब्ता
कथा वाचक के अनशन के दौरान कालका कोलोनी में पुलिस जाब्ता तैनात रहा। वहीं दर्शन के लिए जाने से पहले किले की घाटी, बायोसा मंदिर व किले की सीढ़ियों पर पुलिस के जवान तैनात रहे।
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