Rajasthan Roadways: जालोर में रोडवेज का सफर कैसे होगा आसान, रूट के मुकाबले 17 बसें कम, उसमें भी 10 खटारा
Jalore News: जालोर डिपो से संचालित कुल 32 रनिंग बसों में से 10 बसें तो बुरी स्थिति में हैं। ये बसें 8 साल से अधिक पुरानी तो कुछ 10 लाख किमी से अधिक चल चुकी हैं।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अंतर्गत जालोर रोडवेज डिपो में शेड्यूल बहाली के लिए पर्याप्त बसें मौजूद नहीं है। कम संख्या के चलते लंबे रूट पर तो बसें पिछले 3 से 4 साल से पूरी तरह से बंद है। निगम स्टाफ की जानकारी के अनुसार वर्तमान में जालोर डिपो के 60 शेड्यूल हैं, जिसके तहत 63 बसों की जरुरत है।
इसके मुकाबले रोडवेज की 32 और 14 अनुबंधित बसें ही रूट पर चल रही हैं। इस तरह से रूट के मुकाबले 17 बसें कम हैं। इधर, जालोर डिपो प्रबंधन की ओर से प्रभावित रूट पर नई बसों के लिए मुख्यालय स्तर पर डिमांड भेजी गई है।
10 बसें तो कंडम स्थिति की
जालोर डिपो से संचालित कुल 32 रनिंग बसों में से 10 बसें तो बुरी स्थिति में हैं। ये बसें 8 साल से अधिक पुरानी तो कुछ 10 लाख किमी से अधिक चल चुकी हैं। नियमानुसार ये बसें कंडम कैटेगरी में है, लेकिन बसों की कम संख्या में इन खटारा बसों को डिपो की ओर से चलाया जा रहा है।
केवल दो स्लीपर बसें वो भी अनुबंधित
जालोर डिपो के अंतर्गत वर्तमान में 2 स्लीपर बसें संचालित हो रही है। ये बसें भी निगम की नहीं है, दोनों ही बसें अनुबंधित है, जबकि रोडवेज प्रबंधन की ओर से रूट बहाल रखने के लिए स्लीपर बसों की डिमांड की जा रही है।
पहले चल रही थी बसें, अब ये रूट प्रभावित
जालोर डिपो से संचालित दो अहम रूट तो पिछले कुछ सालों से बसें नहीं होने से पूरी तरह से बंद है। जालोर डिपो से कल्याण के बीच अहम रूट था, जिस पर अभी डिपो से कोई बस नहीं चल रही। इसी तरह सूरत रूट भी फिलहाल बंद है। दोनों रूट के लिए नॉन-एसी स्लीपर बसों की जरुरत है।
इन प्रमुख रूट पर स्लीपर बसों की जरुरत
रोडवेज प्रबंधन के अनुसार लंबी दूरी के रूट शेड्यूल पर कल्याण के लिए 3, सूरत के लिए 2, जयपुर के लिए 2 बसों की जरुरत है। इसी तरह हरिद्वार रूट पर चल रही ब्लू लाइन बसों के स्थान पर 3 स्लीपर बसों की जरुरत है। इस तरह से कुल 12 स्लीपर बसों की डिपो के लिए जरुरत है। जयपुर रूट पर भी जयपुर डिपो की बसें है। जालोर डिपो से शाम को जयपुर के लिए कोई स्लीपर बस संचालित नहीं हो रही।
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निजी संचालकों की मनमानी
इसका फायदा निजी बस संचालकों को हो रहा है। फेस्टिवल और शादियों की सीजन में तो निजी बस संचालक यात्रियों से मनमर्जी का किराया वसूलते हैं।
जालोर डिपो में बसों की कमी है, मुख्यालय से रूट के अनुसार बसों की डिमांड की गई है। पर्याप्त बसें मिल जाए तो सभी रूट बहाल होंगे, जिससे यात्रियों को भी राहत मिल सकेगी।