32 साल पहले क्या हुआ था
तारीख थी 21 जुलाई, साल 1993, इस समय टीएमसी का गठन नहीं हुआ था। ममता बनर्जी कांग्रेस में थीं और युवा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं। मकपा के ज्योति बसु उस समय मुख्यमंत्री थे। इस दिन ममता बनर्जी के नेतृत्व में वोटर आईडी कार्ड को अनिवार्य कराने के लिए एक प्रदर्शन किया जा रहा था। राइटर्स बिल्डिंग तक विरोध मार्च निकालने की योजना थी। प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फायरिंग की और युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। इसके बाद से ही ममता बनर्जी शहीद दिवस मना रही है।
घटना में ममता बनर्जी भी हुई घायल
इस घटना में ममता बनर्जी खुद भी घायल हुई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया। इस घटना के बाद बंगाल कांग्रेस में वर्चस्व को लेकर लड़ाई शुरू हो गई और 1997 में ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़ दी। 1 जनवरी 1998 को टीएमसी का गठन किया।
TMC बनने के बाद हर साल मनाया जा रहा शहीद दिवस
ममता बनर्जी द्वारा तृणमूल कांग्रेस बनाने के बाद हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाया जाता है, लेकिन 2011 में सत्ता में आने के बाद टीएमसी के लिए यह दिन और बेहद खास हो गया। पार्टी इस दिन को बड़े स्तर पर मनाती है। हालांकि इस दिन की खास बात यह भी है कि कांग्रेस भी शहीद दिवस मनाती है।
क्या बोलीं सीएम ममता बनर्जी
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हम हिंदी, गुजराती, मराठी समेत सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं. लेकिन बीजेपी बंगाली भाषा का विरोध क्यों कर रही है? उन्होंने आगे कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर से भाषा आंदोलन शुरू करेंगे।
मजबूती से खड़ी है पार्टी
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि तृणमूल कांग्रेस आज मजबूती से खड़ी हुई है। ममता-अभिषेक और पार्टी को गाली देने वाले अब बच नहीं पाएंगे। विरोधियों को चुनौती देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि अगर तुम्हें कोई चोर कहे तो तुम कहो…तुम चोर और लुटेरे हो।