शिकायत मिलने पर पत्रिका की टीम ने नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत सरखों में जाकर जायजा लिया। जहां कई हितग्राहियों ने इस बात को स्वीकारा कि आवास मित्र के द्वारा पैसे की मांग की जा रही है तभी किस्त जारी होगा। ग्राम सरखों की राजकुमारी का पीएम आवास अधूरा पड़ा है। पूछने पर उन्होंने बताया कि, एक किस्त मिली थी जिसमें मकान बनाना शुरू किया। लेकिन दूसरी किस्त नहीं मिली। तब बारिश के दौरान उधार लेकर किसी तरह छत कराया।
अब किस्त का इंतजार कर रहे हैं। मकान का फोटो खींचने आए थे तब पहले 25 हजार मांगा, फिर 15 हजार रुपए पाकेट में मिलने के बाद ही किस्त जारी होने का हवाला देकर चले गए। इसी तरह गांव के संजय यादव का
पीएम आवास अधूरा है, संजय के मुताबिक एक किस्त मिला है और दूसरे किस्त के लिए आवास मित्र के द्वारा घुमाया जा रहा है। किस्त के लिए कई बार बोलने के बाद भी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा। गांव में इस तरह की शिकायत ढेरों हितग्राहियों की है। लेकिन डर से शिकायत करने सामने नहीं आते।
अधिकारियों को लिखित शिकायत चाहिए
इधर इस मामले को नवागढ़ जनपद सीईओ के संज्ञान में लाया गया और उन्हें वीडियो भी उपलब्ध कराया गया जिसमें हितग्राही अपनी समस्या को खुलकर बता रहे हैं कि आवास मित्रों के द्वारा पैसे की मांग की जा रही है। इसके बावजूद जनपद सीईओ का एक ही बात कहना है कि लिखित में शिकायत हुई है क्या। यानी समझा जा सकता है कि जब हितग्राही जनदर्शन या प्रशासन के पास घंटों तक लाइन में लगकर लिखित में आवेदन देंगे तभी प्रशासनिक अमला जागेगा।
दफ्तरों में बैठकर हो रही मॉनिटिरंग
पीएम आवास के हितग्राही किस्त जारी होने को लेकर जिस तरह से भटक रहे हैं, इससे साफ पता चल रहा है कि ब्लॉक में बैठे जनपद के अधिकारी पीएम आवास योजना की धरातल पर जाकर किस तरह समीक्षा कर रहे हैं। अगर हितग्राहियों तक अधिकारी सीधे पहुंचते हैं तो उन्हें साफ दिख जाता है कि इतने महीनों के बाद भी उनका मकान अधूरा क्यों है। साफ जाहिर है कि आला अधिकारी दफ्तरों में बैठकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं और आवास मित्रों के हवाले पूरी योजना को छोड़ दिया गया है। जिससे जमकर मनमानी करने का मौका मिल रहा है। लिखित में शिकायत है क्या। हितग्राही को लिखित में शिकायत कराइए न। फिर जांच कराएंगे। – आकाश सिंह, सीईओ नवागढ़